Rajasthan Assembly Budget Session 2023: जोधपुर में अधिवक्ता हत्याकांड के खिलाफ पिछले 9 दिनों से आंदोलन चल रहा है. जोधपुर की घटना से प्रदेश के अधिवक्ताओं में रोष है. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के आह्वान पर 70 हजार अधिवक्ता हड़ताल पर हैं. प्रत्येक शहर में रोजाना सरकार के खिलाफ अधिवक्ता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
बुधवार को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अधिवक्ताओं के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2021 को लागू करने का मुद्दा उठाया. स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि 9 दिनों से 70 हजार अधिवक्ताओं का आंदोलन चल रहा है. राठौड़ ने सदन का ध्यान जन घोषणा पत्र पर खींचा. उसमें एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2021 लाने की घोषणा की गई थी.
उपनेता प्रतपिक्ष ने उठाया सदन में अधिवक्ताओं की सुरक्षा का मुद्दा
सरकार का अंतिम बजट सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन घोषणा के अनुसार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2021 लाने की मंशा अब तक जाहिर नहीं की गई है. पिछले 4 वर्षों में दर्जनों अधिवक्ता दूसरे पक्ष की हिंसा के शिकार हुए. बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे हंसराज बावलिया घड़साना के विजय सिंह पुलिस की प्रताड़ना से खुदकुशी को मजबूर हुए. राठौड़ ने सदन में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले हरिशंकर रस्तोगी बनाम गिरधर शर्मा का हवाला दिया.
रोमन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड बनाम सुभाष कपूर 2001 की ओर भी उन्होंने सदन का ध्यान आकर्षित किया. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है कि एडवोकेट ऑफिसर ऑफ द कोर्ट होता है. मुवक्किल की कार्रवाई के कारण अधिवक्ता कई बार आपराधिक तत्वों का शिकार भी बनता है. इसलिए राज्य सरकारों को अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. राठौड़ ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अधिवक्ताओं को सुरक्षा देने के लिए 10 जून 2021 को सभी राज्यों में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की अनुशंसा भी की है.
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करने पर राज्य सरकार को घेरा
केंद्र सरकार ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सुझाव पर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2021 का ड्राफ्ट सभी प्रदेशों में जारी किया. राठौड़ ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित उप समिति को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने दर्जनों बार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए ज्ञापन दिया. राज्य सरकार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट भी बनाकर दिया.
उपनेता प्रतिपक्ष ने मांग की कि राज्य सरकार वादों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए और एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2021 को तुरंत प्रभाव से लागू करे. जोधपुर में जुगराज चौहान एडवोकेट की दिनदहाड़े चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी. परिजनों ने 6 दिनों तक दिवंगत अधिवक्ता की देह को मोर्चरी में रखकर विरोध प्रकट किया था. शव के सड़ने पर 24 फरवरी 2023 को मजबूरन मृतक का दाह संस्कार करना पड़ा.