Rajasthan Budget 2023 Announcement: अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर वर्ग और हर मुद्दे को ध्यान में रखते हुए पूरी जादूगरी दिखाने का प्रयास किया है. हालांकि, इन घोषणाओं के बाद एक बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है कि क्या मुख्यमंत्री इसे मात्र 8 महीने में धरातल पर उतार पाएंगे. दरअसल, अलवर जिले की ही अगर बात की जाए तो यहां गहलोत सरकार की पिछले बजट की ही कई घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं. 


अलवर के लिए ये बड़ी घोषणाएं


राजस्थान में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने वाले हैं. ऐसे में यह कयास तो पहले से ही लगाए जा रहे थे, गहलोत सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट लोकलुभावन होगा और हुआ भी ऐसा ही. शायद ही ऐसा कोई वर्ग हो, जो बजट में अछूता रहा हो. इस बीच 13 जिलो में जारी पानी की समस्या को देखते हुए भी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. इस समस्या से निपटने के लिए 13000 करोड़ रुपए की लागत से ईआरसीपी प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही गई है. इसके तहत अलवर, भरतपुर पेयजल आपूर्ति के लिए चंबल परियोजना पर 5776 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार खर्च करेगी.  


 नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा 


इसके अलावा इस बजट में अलवर के लिए जो मिला है, उसमें मुख्य रूप से नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिला है.  इसके अलावा मुंडावर, रैणी और मालाखेड़ा को नई नगर पालिका की सौगात दी गई है. माचाडी में कृषि महाविद्यालय और राजा हेमा विक्रमादित्य का पैनोरमा बनाने का ऐलान किया गया है. इसके अलावा टपूकड़ा में एसडीएम कार्यालय खुलने की घोषणा भी की गई है. इसके अलावा मालाखेड़ा व कठूमर में एडीजे कार्यलय, अलवर शहर के वैशाली नगर और बानसूर के बास दयाल में थाने खोलने की बात भी कही गई है. वहीं, भिवाड़ी के उप जिला अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा दिया गया है.


मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार


इसके अलावा मंदिरों के जीर्णोद्धार, वन और पर्यावरण के लिए इको सिस्टम के विकास की बात कही गई है. वहीं, यातायात को सुगम बनाने के लिए नई सड़कों के निर्माण और मरमत का भी बजट पारित किया गया है. इस बजट के बाद जिले में 50 सीएचसी हो गयी है और पीएचसी की संख्या 129 हो चुकी है ,इसके अलावा नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में क्रिटीकल केयर ब्लॉक्स की घोषणा की गई है ,


इन उम्मीदों पर फिरा पानी


लेकिन अलवर में अनेको ऐसी मांगे थी, जिनकी पूरी होने की अपेक्षा थी, पर वह अधूरी रह गई. इसमें सिलीसेढ़ झील से शहर में पानी लाने की योजना के साथ ही अलवर स्मार्ट सिटी के लिए बजट मिलने की उम्मीद थी, जो नहीं मिल पाया. इसके अलावा, अलवर से होकर गुजर रहे मेगा हाईवे को फोरलेन करने की उम्मीद थी. इसके अलावा जिले के मुख्य चिकित्सालय में विशेषज्ञ की सुविधा बढ़ाने और शिशु वार्ड को अस्पताल का दर्जा दिए जाने की उम्मीद अलवर वासियों को थी, जो पूरी नही हो पाई . इसके अलावा अलवर जिले में पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए सरिस्का बाघ परियोजना , सिलीसेढ़ व अजबगढ़ भानगढ़ के लिए भी पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने की दृष्टि से पाण्डुपोल व भृतहरि धाम के लिए अपेक्षाएं थीं, जो पूरी नहीं हुई.


पिछले बजट की ये योजनाएं नहीं हुई पूरी


गहलोत सरकार के कार्यकाल में अलवर जिले को पिछले बजट में जो मिला, उनमें से अनेकों ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो आज तक धरातल पर नहीं उतर पाए हैं.  अगर बात की जाएं तो इनमें भिवाड़ी में औधोगिक क्षेत्र के पानी निकासी के लिए प्रस्तावित सौ करोड़ रु के ड्रेनेज सिस्टम रुका हुआ है. चिरंजीवी योजना से जुड़ी महिलाओ को स्मार्ट फोन नहीं मिल पाएं . इसके अलावा पिछले बजट में ईस्टर्न कैनाल योजना के लिए 9 हजार 600 करोड़ के कार्य कराने का एलान था, जिस पर काम नहीं हो पाया. वहीं, बानसूर में खेल स्टेडियम बनाना अलवर शहर में ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए कम्पनी बाग ने बेसमेंट पार्किंग बननी थी, जिस पर काम नहीं हो सका.


हालांकि, पार्किंग की डीपीआर तो बन चुकी है, लेकिन धीमी गति से काम आगे बढ़ रहा है. सभी ग्राम पंचायतों में स्कूल खोले जाने थे . अनेकों सड़कों व स्कूलों के क्रमोन्नति से लेकर कई घोषणाएं की गई थी, जो आज भी अधूरी है. अभी तक पिछले बजट की यह घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पाई है. ऐसे में इस बजट में की जाने वाली घोषणाओं को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि सरकार बचे हुए अपने आठ माह के कार्यकाल में क्या इस सभी योजनाओं को मूर्तरूप दे पाएंगी या इसे सिर्फ चुनावी बजट माना जाए .


कांग्रेस ने बजट को सराहा


इस बजट को जहां कोंग्रेस से जुड़े पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने इसे जन कल्याणकारी व विकास को गति देने वाला बताया है. वहीं, कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री का आभार जताया कि अलवर के साथ-साथ पूरे राजस्थान के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा. इस बजट को लेकर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा मुख्यमंत्री ने आमजन में सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है, यह एक ऐतिहासिक बजट है .


भाजपा ने बताया चुनावी बजट


वहीं, भाजपा से जुड़े अलवर सांसद बाबा बालक नाथ, विधायक संजय शर्मा , मनजीत धर्मपाल चौधरी, पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल व जिला अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने इस बजट को सिर्फ दिखावा, गुमराह करने वाला और चुनावी बजट करार दिया है.


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