Rajasthan Budget: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार जहां आज सदन में बजट पेश करेगी. वहीं दूसरे बजट को बनाने में लगे अधिकारियों को लेकर चर्चा है. गुरूवार को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच अधिकारियों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की तब उसमें से दो अफसरों की खूब चर्चा हुई. अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा और शासन सचिव वित्त (राजस्व) कृष्ण कांत पाठक, ये दो अफसर इस बार की बजट टीम के प्रमुख कर्ताधर्ता हैं. ये दोनों अफसर पिछली सरकार में वसुंधरा के खास रहे हैं. अब जब तीसरी अशोक गहलोत सरकार के अंतिम बजट की जिम्मेदारी भी इन्हें मिली तो चर्चा तेज हो गई है. जानते है इन दोनों अफसरों के बारे में.


अरोड़ा को जब मिली थी बड़ी जिम्मेदारी
अशोक गहलोत की सरकार साल 2013 में जाती है और उसके बाद वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनीं. उसके बाद IAS अखिल अरोड़ा को वसुंधरा सरकार में तुरंत बड़ी जिम्मेदारी मिल जाती है. अखिल अरोड़ा को 21 दिसंबर 2013 को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के शासन सचिव की जिम्मेदारी दे दी जाती है. इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के बाद 20 जनवरी 2017 अखिल अरोड़ा को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग का प्रमुख शासन सचिव बना दिया जाता है. बताया जाता है कि इस दौरान अखिल अरोड़ा वसुंधरा राजे खास अफसरों में से एक रहे. वसुंधरा की सरकार जाने के बाद गहलोत सरकार ने इनके कार्यभार में बदलाव किया था. लेकिन अब बजट में फिर प्रमुख भूमिका निभाई है.


पांच साल तक रहे विशेष
साल 2013 से जनवरी 2017 तक कृष्ण कान्त पाठक विशेष सचिव (सार्वजनिक शिकायतों का निवारण ) मुख्यमत्री के पद पर काम किए. पूरे पांच साल तक तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ रहे. फिर साल 2017 में इनके पास देवस्थान विभाग भी आ गया था. मुख्यरूप से ताकत प्रदान कर दी गई थी. राजे की सरकार जाने के बाद से इन्हें साइडलाइन कर दिया गया था. मगर बजट में इन्हें प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है. केके पाठक को राजे के सबसे खास अधिकारियों में से एक माना जाता है. उन पांच सालों में प्रशासनिक गलियारे में केके पाठक बेहद मजबूत अधिकारी माने जाते रहे.


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