Rajasthan Budget 2023: अपनी चूक पर गहलोत ने दिलाई BJP सरकार की याद, बोले- 'जब वसुंधरा राजे CM थीं तब गलत...'
Rajasthan Budget: सदन की कार्यवाही तीसरी बार शुरू हुई, तो सीएम गहलोत ने अपनी गलती को ‘मानवीय त्रुटि’ बताया. सीएम ने कहा कि वसुंधरा राजे शासनकाल में गलत आंकड़े पेश किए गए थे और उसे सुधारा भी गया था.
Rajasthan Budget 2023 Announcement: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बजट भाषण की शुरुआत में पुराने बजट से कुछ पंक्तियां पढ़ दी थीं. इसको लेकर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ गई. बहरहाल, मुख्यमंत्री गहलोत ने इस घटना पर 'खेद' जताया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हुई और सीएम ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया.
अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह 11.00 बजे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट सदन के पटल पर रखने की घोषणा की. इसके बाद उन्होंने भूमिका बांधी और बजट घोषणाएं करनी शुरू कीं. अशोक गहलोत ने 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं, जो पहले ही की जा चुकी हैं. दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 में की गई थीं.
सीपी जोशी ने स्थगित की कार्यवाही
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सीएम गहलोत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया, तो वह थोड़ा रुके. इसी दौरान बीजेपी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. अशोक गहलोत ने विपक्षी सदस्यों से सब्र रखने को कहा, लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई. अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित’ करते हैं.
गतिरोध न रुकने की वजह से फिर स्थगित हुई कार्यवाही
इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भी गतिरोध नहीं टूटा. इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘बजट में गलती से एक अतिरिक्त पृष्ठ लग गया.’ उन्होंने सदस्यों से बजट की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन गतिरोध समाप्त नहीं होने पर अध्यक्ष जोशी ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी.
'वसुंधरा राजे के कार्यकाल में पेश किए गए थे गलत आंकड़े'
सदन की कार्यवाही तीसरी बार शुरू होने पर सीएम गहलोत ने कहा, ‘दुर्भाग्य से दो-तीन ऐसे पैरा आ गए, जिनकी हम पहले ही घोषणा कर चुके थे.’ उन्होंने इसे ‘मानवीय त्रुटि’ बताते हुए माफी मांगी. सीएम गहलोत ने कहा कि जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, तब गलत आंकड़े पेश किए गए थे और उसे सुधारा भी गया था. हालांकि, सदन में मौजूद वसुंधरा राजे ने कहा कि अशोक गहलोत ने जो किया है, वह सरासर लापरवाही है.
राजे ने इस मामले में कहा, ‘इतिहास में पहली बार ऐसी चीज हुई है. जो मुख्यमंत्री इतने अहम दस्तावेज की जांच किए बिना सदन में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हो कि उसके हाथ में राज्य कितना सुरक्षित है.’ हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए तथा बाद में 12.11 पर 15 मिनट के लिए स्थगित की गई.
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