Rajasthan Budget 2023 Announcement: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राज्य का 'चुनावी बजट' पेश करने जा रहे हैं. ऐसे में दो ऐसी योजनाएं हैं, जिसे लेकर यहां पर गहलोत सरकार बड़ा सियासी दांव खेल सकती है. जब एक फरवरी को केंद्र सरकार ने बजट पेश किया, तो उसमें सबसे बड़ी कटौती हुई मनरेगा में. उसके बाद से विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार हमलावर हैं. ऐसे में गहलोत सरकार मनरेगा का बजट बढ़ा सकती है.
इसके साथ ही, कांग्रेस सरकार ये संदेश भी देने का प्रयास कर सकती है कि महंगाई के बीच राजस्थान सरकार सरकार मध्यम और गरीब वर्ग के लिए बड़ा सोचती है. वहीं, दूसरी योजना है 'इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना', जिसके नियमों में सरलीकरण किया जाना है. ताकि दूसरे राज्यों या प्रदेश के ही दूसरे जिलों से आए हुए लोगों का आसानी से रजिस्ट्रेशन किया जा सके. इन दो योजनाओं पर सरकार की तैयारी तो पूरी लगती है. इसका बजट बढ़ाया जा सकता है.
मनरेगा में साल 2022 का बजट
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जब गहलोत सरकार ने बजट पेश किया था, तो उस दौरान मनरेगा के लिए बड़ा बजट दिया था. इधर जब 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-24 के लिए बजट पेश किया, तो इसमें मनरेगा के लिए बस 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए, जो 2022-23 के 73,000 करोड़ रुपये के बजट से 18 प्रतिशत कम है.
इसे लेकर राजस्थान सरकार बेहद सतर्क है और इस योजना का बजट बढ़ाकर एक बड़ा संदेश देने की तैयारी में है. एक बड़े जरूरतमंद वर्ग को सरकार की तरफ लुभाया जा सकता है. यह योजना यूपीए सरकार की बेहद अहम योजना रही है.
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
जब 9 सितंबर 2022 को अशोक गहलोत सरकार ने इस 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' का शुभारंभ किया था, तो उस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय मनरेगा शुरू की गई थी. मनरेगा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और देशभर में ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे. इससे जीवन स्तर में भी सुधार आया.
कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा, तो यही योजना वरदान साबित हुई. इसी को ध्यान में रखते हुए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऐतिहासिक फैसला बजट में लिया गया. समारोह में योजना संबंधित बुकलेट का विमोचन किया और पांच महिलाओं को जॉब कार्ड वितरित किए. इस योजना के नियमों में सरलीकरण की जरूरत है, जिसके लिए मांग उठती रही है.
जनता के मन में बजट को लेकर उम्मीदें
बार्क ट्रस्ट के निदेशक निसार अहमद खान का कहना है कि शहर में बजट के पोस्टर लगे हैं. इससे जनता के मन में बजट को लेकर उम्मीद और बढ़ गई है. सरकार की पिछली घोषणाएं कितनी पूरी हुई हैं, उसका भी कोई स्टेटस नहीं दिख रहा है. उसपर भी जानकारी मिलनी चाहिए.
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