Rajasthan Budget 2023: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र से पहले उठी नए जिलों की मांग, हनुमान बेनीवाल ने किया मेड़ता जिले की मांग का समर्थन
Rajasthan: 24 जिलों से 60 शहरों के नाम जिले की प्रस्तावित सूची में शामिल हैं. कमेटी ने शहरों का सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. माना जा रहा है CM गहलोत राज्य बजट में नए जिलों की घोषणा करेंगे.
Rajasthan Politics: राजस्थान में आगामी 10 फरवरी को राज्य का बजट (Budget 2023) पेश होगा. इससे पहले प्रदेश में नए जिलों की मांग उठ रही है. 24 जिलों से 60 शहर जिले की कतार में हैं. इनमें नागौर (Nagaur) जिले का मेड़ता शहर (Merta City) भी शामिल है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी चीफ व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने मेड़ता जिले की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वे इसके लिए सरकार को पत्र लिखेंगे और उनकी पार्टी के विधायक इस मांग को विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाएंगे. वे चाहते हैं कि मेड़ता जिला बने.
संघर्ष समिति ने सौंपा ज्ञापन
भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त मीरा बाई के कारण विख्यात धार्मिक नगरी मेड़ता को जिला बनाने के लिए लंबे समय से मांग उठ रही है. जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष हेमाराम बेड़ा और अन्य पदाधिकारियों ने सांसद बेनीवाल से मुलाकात कर मेड़ता को जिला बनाने के लिए समर्थन मांगा. समिति ने सांसद से आग्रह किया वे इस मांग को सरकार तक पहुंचाएं.
इसलिए जिलों की मांग हुई तेज
राजस्थान (Rajasthan) में इस साल विधानसभा चुनाव (Aseembly Election) होने हैं. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि आने वाले बजट में गहलोत सरकार नए जिलों की घोषणा करेगी. ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि सरकार ने नए जिले गठन करने के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था. प्रदेश के 24 जिलों से 60 शहरों के नाम जिले की प्रस्तावित सूची में शामिल हैं. कमेटी ने इन शहरों का सर्वे कर तैयार रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. माना जा रहा है कि 10 फरवरी को सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राज्य बजट में नए जिलों की घोषणा करेंगे.
प्रतापगढ़ बना था 33वां जिला
भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में इस वक्त 33 जिले हैं. 33वां जिला प्रतागढ़ 14 साल पहले वर्ष 2008 में बना था. तब वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सरकार ने इस जिले की घोषणा की थी. इसके बाद मांग तो लगातार बढ़ती गई मगर किसी नए जिले की घोषणा नहीं हुई. वर्ष 1981 तक राजस्थान में 26 ही जिले थे, जो बढ़कर 33 हो गए हैं. आने वाले वर्षों में यह संख्या 40 तक पहुंच सकती है.