Udaipur News: राजस्थान में बीजेपी की अगुवाई वाली भजनलाल सरकार का पहला बजट गुरुवार को वित्त मंत्री दीया कुमारी ने पेश किया. इस बजट में उन्होंने प्रदेश को कई सौगात दी. इसी क्रम में उन्होंने मेवाड़ के लिए महाराणा प्रताप सर्किट की सौगात दी, इसके तहत बजट में उन्होंने 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया. खास बात यह कि जब दीया कुमार राजसमंद से सांसद थीं, उस समय उन्होंने पुरजोर तरीके से महाराणा प्रताप सर्किट के लिए मांग उठाई थी. उन्होंने इसके लिए दिल्ली तक गुहार लगाई थी. 


विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत कर राजस्थान की सत्ता में बीजेपी ने वापसी की है, प्रदेशी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वित्त मंत्रालाय की जिम्मेदारी दीया कुमारी को दिया गया. जब उन्होंने बीते दिनों बजट पेश किया, तो अपनी ही मांग को लेकर ये बड़ा ऐलान किया. इसमें महाराणा प्रताप से जुड़े महत्वपूर्ण और बड़े पर्यटन स्थल आते हैं. 


सर्किट में इन जगहों को किया गया है शामिल
वित्त मंत्री दीया कुमारी ने महाराणा प्रताप सर्किट की घोषणा की, जिसमें इनसे जुड़े कई मुख्य स्थलों को जोड़ा है. इस प्रोजेक्ट में गोगुंदा, चावंड, कुंभलगढ़, दिवेर, हल्दीघाटी और उदयपुर शामिल है. जानकारी के अनुसार गोगुंदा उदयपुर से करीब 30 किलोमीटर स्थित एक कस्बा और तहसील है. गोगुंदा में ही महाराणा प्रताप का राजतिलक हुआ था. चावंड को भी सर्किट में जोड़ा गया है. यहां महाराणा प्रताप ने अंतिम सांसें ली थीं. यह उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर है और सराडा तहसील में आता है. यहां महाराणा प्रताप का स्मारक बना हुआ है.


कुंभलगढ़ किला राजसमंद जिले में स्थिति है, इतिहास के प्रमाणों के अनुसार, यहां पर महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था. यहां विशाल किला है. इसकी दीवार चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार है. सर्किट में दिवेर और हल्दीघाटी को भी जोड़ा गया है. दिवेर और हल्दीघाटी में मुगल सेना और महाराणा प्रताप की सेना के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप विजयी हुए ते. यह युद्ध राजस्थान के इतिहास में अहम माना जाता है. 




इन जगहों पर पर्यटन की क्या है स्थिति?
झीलों की नगरी उदयपुर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इसे महाराणा प्रताप की देन माना जाता है. महाराणा प्रताप से जुड़े स्थलों की बात करें तो कुंभलगढ़ किला विश्व प्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. यहां कुंभलगढ़ फेस्टिवल भी होता है. वही राजसमंद जिले में स्थित दिवेर में भी विजय स्मारक बना है और हल्दीघाटी में भी म्यूजियम है. सर्किट में गोगुंदा और चावंड को भी शामिल किया गया है.


राजतिलक स्थली गोगुंदा और चावंड में पर्यटन के दृष्टि से विकास कार्य नहीं हुआ है. बाहर से घूमने आने वाले पर्यटक यहां तक जाते भी नहीं है. जिस प्रकार उदयपुर स्थित अन्य पर्यटक स्थलों पर भीड़ रहती है, उसकी तुलना में महाराणा प्रताप से जुड़ी इन स्थलों पर नाममात्र लोग घूमने पहुंचते हैं. हालांकि कुंभलगढ़ में हर साल अच्छी संख्या में पर्यटक घूमने पहुंचे हैं. 


स्थानीय उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश सरकार के जरिये यहां के लिए बजट के ऐलान से स्थानीय लोग खुश हैं. लोगों का कहना है कि सरकार ने 100 करोड़ का बजट दिया है, जिससे इन ऐतिहासिक स्थलों का विकास होगा. इनके विकसित होने से देसी-विदेशी पर्यटक आने के लिए आकर्षित होंगे. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इन स्थलों के आसपास लघु उद्योग हैं, जैसे हल्दीघाटी का गुलाब जल राजस्थान में फेमस है. इन छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. 


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