Rajasthan Budget 2022: विपक्ष के आरोपों का सीएम गहलोत ने दिया जवाब, कहा- विपक्ष को नहीं है अर्थव्यवस्था की समझ
Rajasthan Budget: अर्थव्यवस्था और कर्ज को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सही मायने में ऐसे लोगों को अर्थव्यवस्था की समझ ही नहीं है.
Rajasthan Budget: अर्थव्यवस्था और कर्ज को लेकर विपक्ष (Opposition) द्वारा उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जबाब दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना (Covid-19) काल के बाद अब सामान्य हो रहे हालातों में हमारी सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़ने लगी है और प्रदेश में लगातार निवेश (Investment) बढ़ रहा है हमारी अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ता जा रहा है यह दिखाता है कि हम बजट में कई घोषणाओं के समय पर पूरा करने में सफल होंगे राजस्थान (Rajasthan) को बुलंदियों के नए आयामों पर लेकर जाएंगे.
केंद्र के नियमों के दायरे में लिया गया है कर्ज
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था और कर्ज को लेकर विपक्ष के आरोपों का अलग अंदाज में जवाब दिया मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग बार-बार राज्य सरकार पर कर्ज की बात करते हैं सही मायने में ऐसे लोगों को अर्थव्यवस्था की समझ ही नहीं है केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों से बाहर जाकर राज्य सरकार कर्ज नहीं ले सकती हैं राज्यों का कर्ज संविधान के अनुच्छेद 213 और एफआरबीएम की सीमा के तहत ही लिया जा सकता है इससे स्पष्ट है कि कर लेना भी अर्थव्यवस्था के लिए बनाए गए कानूनों को संगत है 2013 में हमारी सरकार के दौरान प्रदेश पर जीएसडीपी का 23 .98% यानी 129910 करोड का कर्ज था 2018 में बीजेपी सरकार के दौरान बढ़ कर जीएसडीपी के 35% से अधिक यानी 311371 करोड रुपए हो गया.
सीएम ने साधा केंद्र पर निशाना
सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी सरकार ने 5 सालों में दोगुने से अधिक कर्ज लिया भारत सरकार पर मार्च 2014 में लगभग 5700000 करोड़ रुपए का कर्ज था 2022 में यह बढ़कर 136000 करोड़ हो गया यानी मोदी सरकार ने 7 सालों में ही कर्ज ढाई गुना बढ़ गया इस पर भी विपक्ष के साथियों को अपनी राय जरूर रखनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने राजस्व को लेकर बीजेपी पर कसा तंज
वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति रही थी 2012-13 में जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तो रेवेन्यू सर प्लस ₹3451 था यानी कोई राजस्व घाटा नहीं था. ₹1000 का फायदा था जबकि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में लगातार राजस्व घट रहा है 2018-19 में बीजेपी सरकार ने राजस्व घाटा लगातार बढ़ते हुए ₹28900 कर दिया है जिसका असर अब तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर है.
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