Rajasthan Police Demand: चंद रोज बाद राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) का बजट सत्र (Budget Session 2023) शुरू होगा. राजस्थान पुलिस में कार्यरत कर्मचारियों को प्रदेश की गहलोत सरकार से अपनी बरसों पुरानी मांग आगामी बजट में पूरी होने की उम्मीद है. पुलिस महकमे के हजारों कर्मचारी सरकार से सौगात मिलने की आस लगाए बैठे हैं. खाकी को खादी से उम्मीद है कि बजट सत्र में सूबे के मंत्री-विधायक पुलिस डिमांड पूरी करवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे.
इन मंत्री-विधायकों को लिखे पत्र
पुलिस ने पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीना, सीएम सलाहकार और सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को पत्र लिखे हैं. इसके अलावा परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, भादरा विधायक बलवान पूनियां समेत प्रदेश के सभी 200 विधायकों को पत्र लिखे हैं.
पत्र में लिखा गया है कि पुलिस कर्मचारियों का संगठन नहीं होने के कारण उनकी मांगों को सरकार तक कोई नहीं पहुंचाता है. पुलिस वाले गली के मामूली लड़ाई-झगड़े से लेकर आतंकवादियों द्वारा किए हमले में हर जगह तत्पर नजर आते हैं. पुलिस के अधीनस्थ कर्मचारी उम्मीद करते हैं कि विधानसभा सत्र में पुलिस की मांगों को सरकार के सामने रखकर बजट 2023 में पूरी करवाएंगे.
सरकार से पुलिस की प्रमुख मांगें
रफ्तार से बदलते वक्त में जिस तरह अपराध बढ़ रहे हैं उसकी तुलना में सूबे के पुलिस महकमे में मैनपावर की कमी है. पुलिस डिमांड है कि प्रदेशभर के थानों में रिक्त पद भरें जाएं. अन्य विभागों की तरह पुलिस विभाग में भी कार्मिकों की ड्यूटी 8 घंटे हो. पुलिसकर्मियों को टाइम स्केल प्रमोशन और 3600 ग्रेड पे का लाभ मिले. पुलिसकर्मिकों का जीवन खतरों से भरा होता है.
रैली, दंगों, पथराव, सर्दी, गर्मी, बरसात में रात्रि गस्त, नाकाबंदी, अपराधियों के साथ मुठभेड़ में जान तक चली जाती है. इन बातों को ध्यान में रखकर 5000 रुपए जोखिम भत्ता दिया जाए. 2500 रुपए सिम भत्ता, 4000 रुपए मेस भत्ता और 10 हजार रुपए वर्दी भत्ता दिया जाए. इन मांगों को लेकर प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई बार मांग उठाई है, लेकिन संगठन का अभाव होने से पुलिस की मांगें अधूरी है.
हर थाने में दो लांगरी की मांग
हर पुलिस थाने में आगंतुकों को चाय-पानी पिलाने के लिए दो लांगरी लगाने की मांग भी उठी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है. पुलिस का कहना है कि थाने में पीड़ितों के अलावा बदमाश प्रवृत्ति के लोग भी आते हैं. ऐसे में अच्छा नहीं लगता कि वर्दी पहना हुआ कर्मचारी उन्हें चाय-पानी पिलाए. थानों में लांगरी लगाने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा और पुलिस के अन्य काम प्रभावित नहीं होंगे.
प्रदेश में इतना बड़ा है पुलिस नेटवर्क
राजस्थान प्रदेश में पुलिस का नेटवर्क बहुत बड़ा है. यहां 7 पुलिस रेंज और 2 कमिश्नरेट है. 40 पुलिस जिले और 2 जीआरपी जिले हैं. प्रदेशभर में 214 पुलिस सर्किल क्षेत्र में 930 थाने और 1215 चौकियां स्थापित है. इनके अलावा मेवाड़ भील कोर समेत 17 आरएसी बटालियन हैं. 190 आईपीएस और 850 आरपीएस के साथ हजारों पुलिसकर्मी कार्यरत हैं.
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