Rajasthan Vidhansabha Budget Session: ब्यावर (Beawar) से बीजेपी (BJP) विधायक शंकर सिंह रावत (Shankar Singh Rawat) ने राजस्थान विधानसभा  (Rajasthan Assembly) में विवादित बयान दिया है. उन्होंने देश की न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोर्ट में सेटिंग से अपराधी मिनटों में छूट जाते हैं. उन्होंने अपराधों में कमी लाने और अपराधियों को कड़ा सबक सिखाने के लिए कानून व्यवस्था में सुधार की मांग की है. राजस्थान विधानसभा में आगामी 10 फरवरी को गहलोत सरकार बजट (Budget 2023) पेश करनेवाली है.


बीजेपी विधायक ने सदन में न्यायिक व्यवस्था पर उठाए सवाल


बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने अजमेर जिले के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि "जिस अपराधी के खिलाफ 60 केस दर्ज है उसे पकड़ने के लिए पुलिस (Police) ने 1 लाख 48 हजार रुपए का डीजल खर्च किया. पूरे पुलिस महकमे ने छह महीने तक तलाश करने के बाद बड़ी मशक्कत से गिरफ्तार किया लेकिन कोर्ट (Court) में पेशी के बाद 15 मिनट में जमानत हो गई. पुलिस अधिकारी ने मुझसे मिलकर पीड़ा सुनाई और कहा कि सरकार कैसे कानून बनाती है! अपराधी मिनटों में छूट जाते हैं."


'कोर्ट में सेटिंग से मिल जाती है कुख्यात को मिनटों में जमानत'


विधायक रावत ने आरोप लगाया कि "कोर्ट में सेटिंग होती है और 15 मिनट में ही बेल (जमानत) हो जाती है. सरकार को सोचना चाहिए कि एक अपराधी को पकड़ने के लिए हजारों-लाखों रुपए खर्च होते हैं. सरकार को ऐसे सख्त कानून बनाना चाहिए जिससे अपराधी किसी अपराध को अंजाम देने से हिचकिचाए." विधायक शंकर सिंह ने सदन में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पुलिस की मिलीभगत से प्रदेश में नई-नई गैंग पनप रही है.


पुलिस के सामने गैंग के सदस्य रैलियां और ताकत का प्रदर्शन करते हैं. सरकार ऐसे अपराधियों को परमिशन देती है. कोई भी क्षेत्र हो, ऐसे लोगों को परमिशन देने वाले अधिकारी से जवाब मांगना चाहिए कि उन्होंने किस हैसियत से परमिशन दी. उसकी जांच होनी चाहिए. अधिकारियों को पाबंद किया जाए कि आपराधिक प्रवृति वालों को परमिशन नहीं दे. विधायक रावत ने पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर में हुए आत्मघाती हमले का जिक्र करते हुए राजस्थान सरकार पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया.


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