Rajasthan: राजस्थान में गठित नए इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का अलग से आवंटित होगा बजट, कोरोना काल में किया था बेहतर कार्य
Udaipur: उदयपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में इलेक्ट्रापैथी के 600 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया. जगदीश राज श्रीमाली ने कहा इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का अलग से बजट आवंटित कराने का प्रयास किया जायेगा.
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Electropathy Board: उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र के कुंभा सभागार में सोमवार को इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की ओर से राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ. इसमें देशभर से इलेक्ट्रापैथी के 600 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया. कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि रोगों में उपचार के लिए अन्य पैथियों की तरह इलेक्ट्रोपैथी का भी अपना अहम योगदान है.
इस पैथी का लाभ जनता को मिले इसके लिए बनाए गए बोर्ड को गतिशील कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों और चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले कार्मिकों की सेवाओं को नहीं भुलाया जा सकता. इनमें इलेक्ट्रापैथी के चिकित्सक और कर्मचारी भी शामिल थे जिन्होंने जगह-जगह नि:शुल्क कैंप लगाकर रोगियों को दवाइयां वितरित की.
उठाये जायेंगे जरुरी कदम
उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार की ओर से गठित इलेक्ट्रापैथी बोर्ड को गतिशील बनाए जाने को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. साथ ही सेमिनार में शामिल विशिष्ट अतिथि उदयपुर की वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा कि राजस्थान सरकार इलेक्ट्रापैथी एक्ट के तहत बोर्ड का गठन कर चुकी है. वह प्रयास करेगी कि इलेक्ट्रापैथी बोर्ड गतिशीलता के साथ काम करे.
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सीएम से कहेंगे अलग से जारी हो बजट
राज्य सरकार के श्रम सलाहकार समिति उपाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी जन मानस में फैली हुई प्रचलित पद्धति है. इसके वैज्ञानिक हर्बल पैथी के जरिए रोगियों का उपचार करते हैं, जो अन्य पैथियों के मुकाबले ज्यादा कारगर और सस्ती है. उन्होंने इलेक्ट्रापैथी बोर्ड के जल्द से जल्द कारगर और नियमितीकरण करवाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर जल्द ही इसके लिए अलग से बजट आवंटित कराने का प्रयास करेंगे ताकि इस पैथी के अलग से मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले जा सकें.
एलोपैथी पर कम होगा दबाव
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उदयपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. आनंद गुप्ता ने कहा कि यदि मरीजों को इलेक्ट्रोपैथी विधि से वृहद स्तर पर उचित उपचार मिले तो भारत में दूसरी पैथी खासकर एलोपैथी पर बढ़ रहे मरीजों का दबाव कम होगा.
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