राजस्थान में गांवों से खेल प्रतिभा को निखारने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक की शुरुआत की गई है. इस महाकुंभ में हर उम्र, हर वर्ग के लोग अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन दिखा रहे हैं. ऐसी ही एक प्रतिभा बूंदी में भी है, जहां राजस्थान की बिटिया मोनिका मीणा प्रदेश में कमाल कर रही हैं. बूंदी पुलिस में ड्यूटी करने वाली मोनिका ने एक ऐसा खेल चुना, जिसमें महिलाओं की राह आसान नहीं होती है. अपने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर मोनिका ने जो मुकाम हासिल किया है उससे विभाग के साथ-साथ जिले का नाम भी रोशन हुआ है. 


खेल के जुनून ने दिलाया प्रमोशन


बूंदी जिले के अलोद गांव निवासी हेड कांस्टेबल मोनिका मीणा को राजस्थान में बॉक्सिंग के लिए जाना जाता है. ड्यूटी के साथ मोनिका को खेल से गहरा लगाव है. साल 2008 में पुलिस कांस्टेबल पद पर भर्ती हुईं मोनिका मीणा पहले एथलेटिक्स और फिर 2016 में बॉक्सिंग खेलने लगी. महज एक साल की ही प्रेक्टिस में ही इन्होंने ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीतकर राजस्थान पुलिस में लड़कियों में पहला मेडल हासिल कर लिया. खेल के प्रति इसी जुनून को देखकर पुलिस महानिदेशक ने उन्हें गेलेंट्री प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल बना दिया. 


मोनिका को इससे पहले स्टेट और रेंज लेवल पर कुल 10 पदक मिल चुकी हैं. जिनमें 7 गोल्ड मेडल हैं. बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने लिए उन्होंने एसएमएस स्टेडियम में कोच विजय प्रताप के मागदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की. ट्रेनिंग की शुुरुआत बहुत मुश्किल थी, लेकिन धीरे-धीरे  उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया.


खेल के प्रति जुनून ने खोला रास्ता


छोटे से गांव से निकलकर राजस्थान पुलिस और फिर खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाली मोनिका का शुरूआती सफर मुश्किलों भरा रहा. लेकिन खेल के प्रति उनके इस जुनून ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. मोनिका मीणा का कहना है कि खेल के बिना जीवन अधूरा होता है. इसलिए जितना हो सके उतना खेलें. 


साल 2017 में ऑल इंडिया टूर्नामेंट में मोनिका ने भाग लिया जिसमें उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से ट्रेनिंग शुरू कर दी. अक्टूबर 2017 में पूना में आयोजित ऑल इंडिया प्रतियोगिता में फिर से भाग लिया और कांस्य पदक हासिल कर जिले का मान बढ़ाया.


महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग


मोनिका मीणा ने बॉक्सिंग के अलावा जूडो, वेट लिफ्टिंग, एथलीट सहित कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीते हैं. वो स्पोर्ट्स के साथ-साथ महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी देती हैं. मोनिका अब तक 20 हजार से अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग दे चुकी हैं. आज बूंदी जिले के लिए कांस्टेबल मोनिका मीणा किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं. जिले भर में जहां भी खेलों के आयोजन होते हैं मोनिका लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए पहुंच जाती हैं.


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