Bundi News: राजस्थान के बूंदी में बाढ़ के 5 दिन बीत जाने के बाद भी निचली बस्तियों में पानी अभी पूरी तरह उतरा नहीं है. कई घर अब तक भी जलमग्न हैं. कई घरों में 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है. यहां जिले के लाखेरी उपखंड के आधा दर्जन गांव में बाढ़ के जख्मों के बीच ग्रामीण परेशान हैं. बारिश का दौर तो कम चुका है लेकिन जमा हुआ पानी बीमारियों का घर पैदा कर रहा है. किसान नेतराम गुर्जर ने बताया कि घर में 5 सदस्य हैं, जिनमें बुजुर्ग मां-पिता हैं, छोटे बच्चे हैं.
घर के बाहर 4 दिन से 5 फीट से भी अधिक पानी भरा है. छोटे-छोटे बच्चे पानी में गिर ना जाएं, इसके लिए दिनभर ख्याल रखना पड़ता है. अब इस पानी में दुर्गंध आ रही है, जिससे बीमार पड़ने का खतरा है. लाखेरी उपखण्ड क्षेत्र के करीब 1000 लोगों बाढ़ से प्रभवित हुए हैं, इनमे से कई लोगों के कच्चे मकान टूट चुके हैं तो कई लोगों के खेत अभी भी जलमग्न हैं.
मुआवजा के लिए किया टीम का गठन
हालांकि प्रशासन ने इन लोगों को सुबह शाम का खाना उपलब्ध करवाया हुआ है. अस्थाई रैन बसेरे में गांव के लोग रुके हुए हैं. कुछ जगहों पर पानी कम होने से लोगों का वापस अपने घरों की तरफ पहुंचना शुरू हो गया है तो बाढ़ का मंजर लोग देखने के साथ ही उनके आंखों से आंसू छलक रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुआवजा राशि दिलाने के लिए हर उपखण्ड क्षेत्र पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. जिसमें टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर लोगों की मुआवजा रिपोर्ट तैयार कर रही है.
गंदगी से स्थानीय लोगों को हो रही है बीमारी
बूंदी शहर की महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, शास्त्री नगर सहित अन्य कॉलोनियों में भरा जैतसागर नाले का बरसाती पानी तो अब उतर गया है. घर और गली-मोहल्ले सड़ रहे हैं. घरों में गंदगी, सड़ांध और शहर भर से बहकर आया कचरा जमा है.
अनाज भी भीग जाने से सड़ गया है, यही हाल ओढ़ने-बिछौने के कपड़ों के हैं. परिवार के लोग दिन-रात सफाई करने में जुटे हैं. मोहल्लों, गलियों का कीचड़, बहकर आया कचरा, मलबा नगर परिषद ने अब तक साफ नहीं कराया है. महावीर कॉलोनी क्षेत्र के राजू गुर्जर ने बताया कि किसी को पीलिया है तो किसी को खांसी-जुकाम, किसी को निमोनिया हो रहा है. कई लोगों को घरों में गंदे पानी में खड़ा रहने से चर्म रोग होने लगा है. चमड़ी जल गई है किसी ने मेडिकल टीम नहीं भेजी.
सेना ने 1000 लोगों को सैलाब से निकाला सुरक्षित
राजस्थान में 24 अगस्त को बाढ़ से लाखेरी उपखण्ड के चाणदा, मालियों की बाड़ी, कांकरा मेज, बसवाड़ा, पाली, खाखटा सहित कई गांव मेज नदी की चपेट में आ गए थे. ऐसे में प्रशासन ने गांव के लोगों का रेस्क्यू करने के लिए सेना की मदद ली. यहां सेना की एक टुकड़ी व एसडीआरएफ दो कंपनियां व स्थानीय सिविल डिफेंस की टीमो ने मिलकर इन गांवों में फंसे 1 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला था. यहां बाढ़ और बारिश का पानी इस कदर था कि इन गांवों में कई मकान पूरी तरह से डूब चुके हैं तो कई मकान जमींदोज हो गए हैं और करीब 200 से अधिक कच्चे मकान टूट गए है.
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