Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले में एक दलित के घोड़ी चढ़ने की चर्चा हो रही है. दरअसल चर्चा घोड़ी चढ़ने की नहीं बल्कि इस दौरान तैनात सुरक्षा के कारण हो रही है. बता दें कि कई बार राजस्थान में दलित दूल्हों के घोड़ी चढ़ने पर कुछ लोगों के द्वारा बवाल किये जाने की खबरें सामने आई हैं, लेकिन इस बार घोड़ी चढ़ने वाला एक 27 वर्षीय युवक, श्रीराम मेघवाल खाकी में पुलिसकर्मियों के एक समूह से घिरा हुआ था.
ग्राम पंचायत में एक संविदा कर्मचारी के रूप में काम करने वाला मेघवाल बताता है कि वह इन सड़कों के माध्यम से घोड़ी की सवारी करने वाला पहला दलित दूल्हा है. उसने कहा कि यह उस मानसिकता को बदल देगा जिसमें कुछ लोग सोचते हैं कि दलित नीचे है, तो नीचे ही रहने दो. यह समानता की दिशा में एक कदम है. बता दें कि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस शादी के लिए तीन अलग-अलग पुलिस थानों के करीब 60 कर्मियों को तैनात किया गया था.
पिछले 10 सालों में 76 मामले दर्ज
मेघवाल और उनकी दुल्हन द्रौपदी की शादी सोमवार को बूंदी पुलिस और जिला प्रशासन की पहल के तहत आयोजित पहला समारोह था, जिसका शीर्षक था 'ऑपरेशन सामंत (ऑपरेशन समानता)'. दलितों पर लागू रुढ़िवादिता को तोड़ने के लिए, जैसे अनुसूचित जाति के दूल्हे को अनुमति नहीं देना कि वो अपने विवाह समारोह में घोड़ी की सवारी कर सके जैसी चीजें शामिल हैं. राजस्थान में अपने लंबे सामंती इतिहास के साथ राज्य में जातिवाद की जड़ें अभी भी देखने का मिल जाती है. राज्य में अक्सर दूल्हे द्वारा घोड़ी की सवारी करने जैसे मुद्दों पर दलित बारातों पर हमले होते हैं. बता दें कि हाल ही में, राजस्थान पुलिस ने खुलासा किया कि पिछले 10 वर्षों में, उन्होंने दलित दूल्हों को घोड़े की सवारी करने से रोकने पर 76 मामले दर्ज किए थे.
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