बूंदी: राजस्थान के बूंदी में रामगढ़ अभयारण्य सोमवार को गजट नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही राजस्थान का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित हो गया है. टाइगर रिजर्व घोषित होने के साथ ही जिले वासियों में खुशी की लहर है. लेकिन रामगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में बसे 8 गांवों के लोगों को अब चिंता सताने लगी है. दरअसल एक सरकारी आदेश के मुताबिक इन 8 गांव के लोगों को विस्थापित किया जाना है. इन 8 गांव में 10000 के करीब लोग निवास करते हैं जिसमें मकान स्कूल सहित मूलभूत सुविधाएं हैं.
मुआवजे को लेकर संशय
वहीं टाइगर रिजर्व घोषित होने के साथ ही वन विभाग ने इन गांवों में लोगों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लेकिन ग्रामीणों में संशय बना हुआ है कि उन्हें कितना मुआवजा मिलेगा, मकान मिलेंगे या जमीन या एकमुश्त राशि जैसे कई सवाल उनके मन में है और कोई इसका कोई जवाब नहीं दे पा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने चेताया है कि हमें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तो हम किसी भी स्थिति में अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं होंगे. जबकि प्रशासन ने एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक परिवार को 15 लाख का मुआवजा देने की बात कही है लेकिन ग्रामीण इस राशि का मुआवजा स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
इन 8 गांवों को किया जाना है शिफ्ट
रामगढ़ विषधारी सेंचुरी एरिया को ही टाइगर कोर एरिया बनाया गया है. इसमें 8 गांव भीतर की सीमा में आ रहे हैं. जिनमें भेरूपुरा, केशवपुरा, भीमगंज, जावरा, हरीपुरा, गुलखेड़ी, गुढ़ामकदूका, धुंधलाजी का बाड़ा शामिल हैं. इन गांवों को अलग-अलग चरणों में धीरे-धीरे विस्थापित किया जाएगा. इसके अलावा करीब 35 गांव रिजर्व की बाउंड्री के बाहरी एरिया में आ रहे मोतीपुरा, लोहारपुरा, पिपलिया, माणक चौक व धोलाई सहित कई रेवेन्यू गांव शामिल हैं. इनको जरूरत पड़ने पर ही विस्थापित किया जायेगा. इन गांव को मिलाकर करीब 10000 से अधिक लोग है जो विस्थापित होंगे.
ग्रामीण बोले मकान के बदले मकान ,जमीन के बदले जमीन, एकमुश्त राशि मिले
वहीं ग्रामीणों ने विस्थापित किए जाने वाले गांव के लिए दिए जाने वाले सरकारी पैकेज पर विचार विमर्श करने की मांग की है. इलाके के सरपंच भवानी शंकर मीणा ने कहा कि ग्रामीणों को सरकार 15 लाख रुपए का मुआवजा दे रही है जिसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए दिया जाए. मकान के बदले मकान, जमीन के बदले जमीन व अन्य सुविधाएं सरकार दे. हमने बैठक कर 25,000 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर करवा कर राज्यपाल को भेजे हैं ताकि हमारी मांग को सुना जाए. हम भी चाहते हैं कि हम शहर में रहे और जंगल से मुक्त हो लेकिन वर्तमान में जो हमारे पास सुविधा है वह सुविधा वहां पर भी हों.
प्रशासन ने कहा मुआवजे पर चल रही है बात
वहीं जिला कलेक्टर रेनू जयपाल ने बताया कि इन 8 गांव के लोगों को जल्द विस्थापित करना पड़ेगा. गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है. ऐसे में देरी होना सही नहीं है. एनटीसीए की मंजूरी मिलने के बाद अभयारण्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों ने सर्वे करवाकर इन 8 गांव के लोगों को विस्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए थे. बात मुआवजा की है तो हमने राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजे है जहां मुआवजा बढ़ाने की भी मांग कर चुके हैं. हम ग्रामीणों को जमीन के बदले जमीन व मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया करवाएंगे. उधर वाइल्डलाइफ के डीएफओ आलोक गुप्ता ने बताया कि पूरे इलाके का इकोनामिक सर्वे हो गया है और टाइगर रिजर्व के नक्शे का काम भी पूरा हो चुका है. विभाग द्वारा डेढ़ साल पहले सांभर, चीतल, पैंथर, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, भेड़िया, भालू, नीलगाय, सांभर, चिंकारा, शाही बड़ी संख्या में छोड़े गए थे .यहां पर यह सब पहले से भी मौजूद थे.
बजट घोषणा में की थी मुख्यमंत्री ने अभ्यारण ने की घोषणा
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 वर्ष पूर्व बजट घोषणा में बूंदी के रामगढ़ अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई थी. जुलाई 2020 में एनटीसीए ने रामगढ़ अभयारण्य की फाइल को मंजूरी दे दी. फिर गजट नोटिफिकेशन का इंतजार करना पड़ा. ठीक 1 साल बाद गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया. यानी बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य ने मूल रूप से अब अभयारण्य की श्रेणी में आ गया है.अभयारण्य में विभाग द्वारा कोर जोन बफर जोन बनाए गए हैं. विभाग द्वारा सवाई माधोपुर, कोटा जिले की सीमाओं को भी रामगढ़ अभयारण्य में शामिल कर हाडोती का सबसे बड़ा क्षेत्रफल की दृष्टि से अभयारण्य को बनाया गया है.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी रामगढ़ अभयारण्य का गजट नोटिफिकेशन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पास होने के बाद ट्वीट कर खुशी जताते हुए कहा कि बड़ी खुशी का दिन है कि हम सब के प्रयास रंग लाए हैं और रामगढ़ अभयारण्य प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बन गया है.मैं देश के सभी लोगों को यहां विजिट करने के लिए आमंत्रित करता हूं. उधर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी अपने संसदीय क्षेत्र कोटा बूंदी में दूसरा टाइगर रिजर्व घोषित होने पर कहा कि क्षेत्र के लोगों को पर्यटन व आर्थिक दृष्टिकोण से रोजगार मिलेगा.
वहीं जिला कलेक्टर रेनू जयपाल ने बताया कि इन 8 गांव के लोगों को जल्द विस्थापित करना पड़ेगा. गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है. ऐसे में देरी होना सही नहीं है. एनटीसीए की मंजूरी मिलने के बाद अभयारण्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों ने सर्वे करवाकर इन 8 गांव के लोगों को विस्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए थे. बात मुआवजा की है तो हमने राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजे है जहां मुआवजा बढ़ाने की भी मांग कर चुके हैं. हम ग्रामीणों को जमीन के बदले जमीन व मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया करवाएंगे. उधर वाइल्डलाइफ के डीएफओ आलोक गुप्ता ने बताया कि पूरे इलाके का इकोनामिक सर्वे हो गया है और टाइगर रिजर्व के नक्शे का काम भी पूरा हो चुका है. विभाग द्वारा डेढ़ साल पहले सांभर, चीतल, पैंथर, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, भेड़िया, भालू, नीलगाय, सांभर, चिंकारा, शाही बड़ी संख्या में छोड़े गए थे .यहां पर यह सब पहले से भी मौजूद थे.
बजट घोषणा में की थी मुख्यमंत्री ने अभ्यारण ने की घोषणा
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 वर्ष पूर्व बजट घोषणा में बूंदी के रामगढ़ अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई थी. जुलाई 2020 में एनटीसीए ने रामगढ़ अभयारण्य की फाइल को मंजूरी दे दी. फिर गजट नोटिफिकेशन का इंतजार करना पड़ा. ठीक 1 साल बाद गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया. यानी बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य ने मूल रूप से अब अभयारण्य की श्रेणी में आ गया है.अभयारण्य में विभाग द्वारा कोर जोन बफर जोन बनाए गए हैं. विभाग द्वारा सवाई माधोपुर, कोटा जिले की सीमाओं को भी रामगढ़ अभयारण्य में शामिल कर हाडोती का सबसे बड़ा क्षेत्रफल की दृष्टि से अभयारण्य को बनाया गया है.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी रामगढ़ अभयारण्य का गजट नोटिफिकेशन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पास होने के बाद ट्वीट कर खुशी जताते हुए कहा कि बड़ी खुशी का दिन है कि हम सब के प्रयास रंग लाए हैं और रामगढ़ अभयारण्य प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बन गया है.मैं देश के सभी लोगों को यहां विजिट करने के लिए आमंत्रित करता हूं. उधर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी अपने संसदीय क्षेत्र कोटा बूंदी में दूसरा टाइगर रिजर्व घोषित होने पर कहा कि क्षेत्र के लोगों को पर्यटन व आर्थिक दृष्टिकोण से रोजगार मिलेगा.
ये भी पढ़ें