Bundi Murder Case: बूंदी में मां और भाभी के हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
Rajasthan Crime: राजस्थान के बूंदी के एससी-एसटी कोर्ट ने माँ और भाभी की हत्या करने के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 20 हजार का जुर्माना लगाया है.
Rajasthan Bundi Murder: राजस्थान के बूंदी में मां और भाभी की हत्या करने के मामले में बूंदी एससी-एसटी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को 20 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है. आरोपी सुखलाल गुर्जर को कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से 24 गवाह और 38 दस्तावेज पेश करने के बाद सजा सुनाई है. बता दें कि मारपीट के बाद हुई हत्या में पुलिस ने कुछ ही दिनों बाद ही आरोपी को जेल भेज दिया था. तबी से आरोपी जेल में बंद था, आरोपी और कोई नहीं था मृतका का बेटा ही था जिसने आपसी विवाद के चलते अपनी मां व भाभी को मौत के घाट उतार दिया.
विशिष्ट लोक अभियोजक राजेंद्र जैन ने बताया कि नमाना थाना क्षेत्र के सलारिया गांव में 3 वर्ष पहले डबल मर्डर की वारदात घटित हुई थी. जिसमें पीड़ित धनराज पुत्र हरचंदा गुर्जर ने नमाना थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसमें बताया था कि मेरा भाई सुखलाल पुत्र हरचंदा गुर्जर मेरी माँ हीरा बाई, पत्नी बिसरी बाई के साथ साल भर पहले मारपीट कर घर से भाग गया था जो अचानक सुबह 11 जून 2019 को घर आया और आते ही मां हीराबाई व पत्नी बिसरी बाई के साथ जान से मारने की नियत से लोहे के सरिए व अन्य हथियार से मारपीट कर फरार हो गया. लोगों ने मारपीट करते हुए देखा और बचाने की कोशिश भी की, लेकिन आरोपी ने इस घटना को अंजाम दे दिया. आसपास के लोग दोनों को अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने मां हीराबाई व बिसरी बाई को मृत घोषित कर दिया, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.
1 सप्ताह में आरोपी को कर लिया था गिरफ्तार
11 जून 2019 को सुबह के समय हुई घटना के बाद पुलिस ने आरोपी सुखलाल पुत्र हरचंदा गुर्जर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. आरोपी सुखलाल मृतक हीराबाई का पुत्र था और बड़े भाई धर्मराज गुर्जर का भाई लगता था. पुलिस ने घटना के 1 सप्ताह बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया और कैश ऑफिसर स्कीम के तहत मामले में जांच शुरू की. 3 साल जेल में रहने के बाद केस ऑफिसर स्कीम में सजा दिलाने के लिए पुलिस ने टॉस सबूत कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
24 गवाह, 38 दस्तावेज किए पेश
विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र कुमार जैन ने बताया कि मामले में आज अंतिम बहस थी. जहां अभियोजन पक्ष की ओर से 24 गवाह, 38 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए और कड़ी सजा की मांग की गई, जिस पर विशिष्ट न्यायाधीश रेखा वधवा ने आरोपी सुखलाल पुत्र हरचंदा गुर्जर उम्र 29 साल को अपनी मां हीराबाई, भाभी बिसरी बाई की हत्या के जुर्म में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया तथा 20000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.