IAS Transfer in Rajasthan: प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने देर रात प्रशासनिक अमले में भारी फेरबदल करते हुए 69 आईएएस (IAS) अधिकारियों का तबादला कर दिया. तबादला लिस्ट के मुताबिक महत्वपूर्ण पदों पर काबिज अधिकारियों को कम महत्व वाले विभागों में भेजा गया है और कम परफॉर्मेन्स वाले अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब अधिकारियों के तबादलों पर भी राजस्थान में सियासत शुरू हो गई है. प्रदेश बीजेपी ने अधिकारियों के तबादलों पर आक्रामक रुख अपना लिया है.


बीजेपी ने नौकरशाही को बांटने का लगाया आरोप


प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीधे प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत नौकरशाही को बीजेपी और कांग्रेस के खेमे में बांट रहे हैं. खासकर करौली हिंसा के बाद हटाए गए कलेक्टर मामले पर उन्होंने नाराजगी जताई. गौरतलब कि प्रदेश में हर बार विधानसभा चुनाव से पहले सरकारें पसंदीदा अधिकारियों को अच्छी पोस्टिंग देती रही हैं और सरकार विरोधी मानसिकता वालों को ठंडे विभाग में भेज दिया जाता है. पूनिया ने कहा कि अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट जारी कर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस बीजेपी का भेद पैदा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ईमानदारी से काम करनेवाले अफसरों को हतोत्साहित किया गया है.


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अशोक गहलोत की आखिरी इनिंग-सतीश पूनिया


पूनिया ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को हतोत्साहित किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी की आखिरी इनिंग, अशोक गहलोत की आखिरी इनिंग है. करौली की घटना के लिए कलेक्टर का तबादला किया है जबकि उस घटना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ही जिम्मेदार हैं. उनकी नाक के नीचे हिंसा की घटना हुई. जब उन्हें पता था तो उसके इंतजाम क्यों नहीं किए? सस्पेंड गृह मंत्री होने चाहिए, तबादला गृहमंत्री का होना चाहिए. गौरतलब है कि सरकार ने गौरव गोयल, वीनू गुप्ता, रवि जैन नवीन महाजन सरीखे अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी दी है लेकिन सुंधाशु पंत सहित कई अधिकारियों को सचिवालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.


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