Rajasthan By-Election 2024 News: राजस्थान की कुल छह विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं. इन सभी सीटों पर उपचुनाव होना है. इन सीटों जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी पुरजोर कोशिश कर रही है. बीजेपी ने तीन सीटों खींवसर, देवली-उनियारा और सलूंबर को जीतने का बड़ा प्लान बना रही है.
इन सीटों पर बीजेपी के मुताबिक जातिगत समीकरण अनुकूल माना जा रहा है. जबकि, कांग्रेस इन सीटों पर गठबंधन के सहारे आगे बढ़ना चाह रही है. कुल छह में से दो पर गठबंधन और बाकी पर कांग्रेस तैयारियों में जुटी है. हालांकि, ये उपचुनाव दूसरे अन्य चुनाव बहुत अलग है. यहां पर अलग-अलग सियासी समीकरण काम करते हैं.
तीन सीटों पर सियासी समीकरण
साल 2023 के विधानसभा चुनाव में झुंझुनूं सीट पर बीजेपी को लगभग 30 हजार मतों से हार मिली थी. इस सीट पर हुए पिछले चार चुनाव को देखा जाए तो रिजल्ट ऐसा ही कुछ रहा है. मगर इस बार बीजेपी नया प्रयोग करना चाह रही है. परिवारवाद को मुद्दा बनाकर अन्य जातियों के वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है.
दूसरी तरफ बृजेन्द्र सिंह ओला सांसद तो बन गए हैं, लेकिन वो विधानसभा सीट अपने परिवार के पास ही रखना चाह रहे हैं. इसलिए यहां पर कांग्रेस को बीजेपी के कैंडिडेट के नाम की घोषणा का इंतजार है. देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर गुर्जर और मीणा ही चुनाव जीतते रहे हैं.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए मीणा और गुर्जर ही प्रमुख हैं. इस सीट पर साल 2023 में बीजेपी को कुल 19 हजार वोटों से हार मिली थी. इसलिए यहां पर बीजेपी अपने गुर्जर चेहरे पर ही दांव लगाना चाहेगी. चूंकि लोकसभा चुनाव में गुर्जर सांसद को हार मिली है, इसलिए यहां पर बीजेपी के गुर्जर चेहरे को जीत मिल सकती है.
दौसा विधानसभा सीट पर 2023 में बीजेपी को 31 हजार वोटों से हार मिली थी. इस सीट पर बीजेपी को साल 2013 में 25 हजार से अधिक मतों से जीत मिली थी. उसके बाद से बीजेपी के हार का अंतर बढ़ गया है.
बेनीवाल और रोत पर पर नजर
खींवसर विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल के जीत में वोटों का अंतर कम होता जा रहा है. साल 2023 में हनुमान बेनीवाल को सिर्फ 2 हजार मतों से जीत मिली है. इस सीट पर हनुमान के जीत का अंतर पहले से बहुत कम है. यहां पर बेनीवाल के परिवार से ही कोई चुनाव लड़ेगा. यहां मामला साफ है.
इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी क्या रणनीति अपनाती है, इस पर सभी की नजर होगी. इसी तरह चौरासी विधानसभा सीट पर राजकुमार रोत को साल 2023 के चुनाव में 70 हजार वोटों से जीत मिली थी. यहां पर बीजेपी दूसरे नंबर थी. यहां भी मामला साफ है. इस सीट पर भी रोत के परिवार से ही कोई चुनाव लड़ेगा.
अमृतलाल मीणा के परिवार को मिलेगा टिकट?
इसी कड़ी में सलूंबर विधानसभा सीट का हाल जान लेते हैं. यहां पर बीजेपी के अमृतलाल मीणा को लगातार चुनाव में जीत मिल रही है. अब उनके निधन के बाद उनके परिवार से ही किसी को बीजेपी टिकट देगी. इसलिए यहां भी मामला साफ है. कांग्रेस और बीजेपी आने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर कमर कस चुकी हैं, वह जीत के लिए कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं.
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