Rajasthan By Election 2024: पिछले दिनों विधानसभा में बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बजट पर कहा कि ये 'ठाकुर' और महलों में रहने वालों के लिए राहत है. उनके इस बयान पर तुरंत शिव के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने टोक दिया. भाटी ने पूछा था कि रिफायनरी किसने खत्म किया? जिसे लेकर नोकझोंक हुई. इस दौरान विधानसभा में थोड़ी देर के लिए माहौल गर्म रहा. 


मगर, अब इस घटना क्रम के बाद राज्य में क्या असर पड़ेगा इसपर लोगों की चिंताएं हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही से इन बातों को निकलवा दिया था. अब इस घटनाक्रम को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि इसका उपचुनाव पर खास असर नहीं पड़ने वाला है. इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं.


हरीश और भाटी के समर्थक सोशल मीडिया पर कर रहे चर्चा?
दरअसल, बाड़मेर जिले से ही हरीश चौधरी और रविंद्र सिंह भाटी विधायक हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों आपस में खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं. इसलिए यहां पर भी उसका असर दिखा. अब इन दोनों के समर्थक सोशल मीडिया पर चर्चाओं में लगे हैं. जिसका असर भी दिखने लगा है. अब इसका क्या असर पड़ेगा यह तो उपचुनाव में दिख सकता है. चूंकि, खींवसर और झुंझुनूं सीट पर जाट वोटर्स बड़ी निर्णायक भूमिका में है. वहां पर इसकी चर्चा खूब हो रही है. बाकी तीन सीटों पर इसे लेकर कोई असर दिखाई नहीं देता है.  


यह कोई नई और पहली बार नहीं है?
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा का कहना है कि यह विधानसभा में पहली बार नहीं है. पहले भी कई बार हो चुका है. इसका असर विधानसभा के उपचुनाव पर पड़ेगा यह संभव नहीं है. क्योंकि, जिन दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर 'नोंकझोंक' की है वो एक क्षेत्र से आते हैं. उस क्षेत्र में उपचुनाव नहीं होने हैं. अभी चुनाव की डेट आने में समय है इसलिए ये मुद्दा कोई प्रभाव नहीं छोड़ पायेगा. 


वहीं, राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार हरीश मलिक का कहना है कि विधानसभा में इस तरह की चर्चाएं नहीं होनी चाहिए. विधानसभा में काम की चर्चा हो न कि जाति पर बहस हो. इसका उपचुनाव पर कोई ख़ास असर नहीं दिखने वाला है. 


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