Rajasthan Bye Election 2024: राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव हुआ है, जिसके परिणाम 23 नवंबर को आएंगे. ऐसे में बीजेपी, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के नेताओं पर जबरदस्त दबाव दिख रहा है. एक तरफ जहां नेताओं और दलों पर गढ़ बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ जीत की हैट्रिक लगाने और उसे रोकने की कोशिश भी है. ऐसे में मतदान के बाद इन दिनों राजनीतिक दलों में मंथन जारी है, जिसे लेकर पार्टियों के दिग्गज रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ है, यहां से बृजेन्द्र सिंह ओला चार बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इस बार भी उनके बेटे अमित ओला मैदान में हैं. ऐसे में अमित ओला के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि बीजेपी ने यहां पर पूरी ताकत झोंक दी है. अगर यहां पर कांग्रेस जीतती है तो जीत का पंच लगेगा. दौसा सीट पर कांग्रेस लगातार दो बार से चुनाव जीत रही है, लेकिन मुरारी लाल मीणा यहां से तीन बार जीत चुके हैं. उसके साथ ही वो इस बार सांसद भी बन गए हैं.
अपने-अपने गढ़ को बचाने की चुनौती
कांग्रेस इसे अपने गढ़ के रुप में देख रही है. बीजेपी ने यहां पर जीत के लिए सारी तैयारी की है. रामगढ़ विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है. यहां से जुबैर खान और उनकी पत्नी दोनों विधायक रह चुके हैं. अब उनके बेटे मैदान में है. खींवसर विधानसभा सीट आरएलपी का गढ़ है. इस सीट पर पांच बार लगातार आरएलपी की जीत हुई है. हनुमान और उनके भाई दोनों विधायक रहे हैं. अब हनुमान की पत्नी मैदान में हैं.
सलूंबर विधानसभा क्षेत्र को बीजेपी अपना गढ़ मानती है. चूंकि, इस सीट से बीजेपी के अमृतलाल मीणा तीन बार विधायक रहे हैं. अब उनकी पत्नी मैदान में हैं. चौरासी विधानसभा सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत लगातार दो बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. अब वो सांसद हो गए हैं. उन्हें इस सीट पर हैट्रिक का इंतजार है. वहीं बीजेपी यहां लौटना चाह रही है. देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हरीश मीणा लगातार दो बार चुनाव जीते और अब वो सांसद हो गए हैं. यहां पर बीजेपी लौटना चाह रही है.