Rajasthan Bypolls 2024: राजस्थान में इस समय सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसकी तैयारी सभी दल कर रहे हैं. इस बीच रोचक बात यह है कि किसी भी दल के पास अभी चेहरा तय नहीं हो पा रहा. बीजेपी और कांग्रेस के जिला स्तरीय नेता भी अभी सुस्त दिख रहे हैं. यहां तक की किसी बड़े नेता का उन सीटों पर दौरा भी नहीं हो पा रहा. 


यह बात अलग है कि कांग्रेस ने सभी सीटों पर अलग-अलग कमेटी बना दिया है. बीजेपी ने सीट वार प्रभारी बना दिया है. सबकुछ करने के बाद भी उन सीटों पर कोई चुनावी माहौल नहीं बन पा रहा है. उसकी वजह है कि उन सीटों पर अभी प्रत्याशी तय नहीं हो पा रहे हैं. इस वजह से सबकुछ ठप सा दिख रहा है. वहां जिन्हें लगता है टिकट मिलेगा और जिन्हें लगता है नहीं मिलेगा, सभी चुप हैं. सभी को बड़े नेताओं के संकेत मिलने का इंतजार है.


क्या है राजस्थान उपचुनाव में सीटों का हाल?
दौसा में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी लड़ाई है. यहां पर अभी बीजेपी के पास चेहरा तय नहीं हो पाया है. कांग्रेस दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा के संकेत का इंतजार कर रही है. वहीं, झुंझुनूं में भी ऐसी स्थिति है. ओला परिवार के संकेत के इंतजार में कांग्रेस के नेता हैं. 


बीजेपी ने भी कोई नाम तय नहीं किया है. देवली-उनियारा में स्थिति कांग्रेस की साफ नहीं है और बीजेपी पुराने चेहरे पर जाना चाह रही है. चौरासी पर BAP पर सबकुछ निर्भर कर रहा है. BAP अभी अपने पत्ते नहीं खोल पा रही है. उसके बाद ही कांग्रेस की स्थिति साफ होगी. 


सलूंबर सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं. यहां पर भी बाप अपने दावे ठोंक रही है. इसलिए यहां पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. खींवसर पर हनुमान बेनीवाल की वजह से बीजेपी और कांग्रेस में स्थिति साफ नहीं हो पाई है. अलवर की रामगढ़ सीट पर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. इसलिए यहां पर भी अभी मामला फंसा हुआ है.


राजस्थान उपचुनाव में क्यों फंस रहा पेच?
दरअसल, कांग्रेस और बीजेपी में कई दिग्गज नेता उपचुनाव में भाग्य आजमाना चाह रहे हैं. इसलिए अभी नाम तय नहीं हो पा रहा है. वहीं, कुछ सीटों पर गठबंधन को लेकर भी माहौल समझा रहा है. सूत्रों का कहना है कि जल्द इसपर कोई बड़ा बदलाव दिख सकता है. 


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