'गैरों में कहां दम था, मुझे तो अपनों ने...', दौसा में भाई की हार पर छलका किरोड़ी लाल मीणा का दर्द
Dausa Bypoll Result 2024: राजस्थान उपचुनाव पर नेताओं के बयान आने शुरू हो गये हैं. दौसा सीट से मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई हार गये हैं. भाई की हार पर किरोड़ी लाल मीणा भावुक हो गये.
Rajasthan By-election Results 2024: राजस्थान की दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव का नतीजा आ गया है. चुनाव में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई को हार का सामना करना पड़ा है. जगमोहन मीणा बीजेपी के टिकट पर चुनावी रण में उतरे थे. छोटे भाई की हार पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द छलक उठा. उन्होंने सोशल मीडिया पर दर्द को बयान करते हुए भीतरघात का आरोप लगाया है.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, "45 साल हो गए. राजनीति के सफर में संघर्ष किया. जनहित में सैंकड़ों आंदोलन किए. बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं. आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है. दर्जनों बार जेल की सलाखों के पीछे रहा. संघर्ष की इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा. जनता के आगे संघर्ष की दास्तां रखी. घर घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी. फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा."
भाई की हार पर भावुक हुए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा
उन्होंने आगे कहा कि भीतरघाती मेरे सीने में वाणों की वर्षा कर देते तो मैं दर्द को दबा सारी बातों को दफन कर देता. लेकिन उन्होंने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला. मीणा ने कहा कि साढ़े चार दशक के संघर्ष से न तो हताश हूं और न ही निराश. उन्होंने कहा, "पराजय ने मुझे सबक अवश्य सिखाया है लेकिन विचलित नहीं हूं. आगे भी संघर्ष के इसी पथ पर बढते रहने का संपल्प है." जगमोहन मीणा की हार भावुक होते हुए उन्होंने कहा, जिस भाई ने परछाईं बनकर जीवन भर मेरा साथ दिया, मेरी हर पीड़ा का शमन किया, उऋण होने का मौका आया तो कुछ जयचंदों के कारण मैं उसके ऋण को चुका नहीं पाया."
किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि चाटुकारिता नहीं करने की वजह से राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है.
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