Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल (Bhajan Lal Sharma) सरकार के मंत्रिमंडल का गठन कब होगा इसका इंतजार हर किसी को है. जीत के लगभग एक महीने बाद भी इस बात की पुख्ता खबर किसी के पास नहीं है कि कैबिनेट विस्तार कब होगा. फिलहाल सत्ता पक्ष के विधायक इसी बात से संतोष कर रहे हैं कि जल्द ही वह मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं इस बीच कांग्रेस भी कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोल रही है.


वहीं बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान में पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को भी अभी तक कोई विभाग आवंटित नहीं किया है. जबकि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मंत्रिमंडल तय करने में हो रही देरी को देखते हुए कैबिनेट में जगह पाने की उम्मीद रखने वाले बीजेपी विधायक बड़े पैमाने पर चुप्पी साधे हुए हैं और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंदिर का चक्कर लगा रहे हैं.


विधायकों ने साधी चुप्पी
वहीं पार्टी के एक नेता ने कहा कि चुनाव के बाद वसुंधरा राजे को सीएम बनाने की हलचल भी अब कम हो गई है, क्योंकि विधायक अब किसी का पक्ष लेने के जोखिम से बच रहे हैं. हमारा नारा है 'बीजेपी है तो भरोसा है', लेकिन जब बात आती है कि पार्टी नेतृत्व किसे चुनेगा तो कोई भरोसा नहीं है. हम केवल तब प्रार्थना ही कर सकते हैं. ऐसे में विधायकों को सतर्क रहने के लिए कई उदाहरण हैं, जैसे राजे के मुखर समर्थक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कलियाश मेघवाल जिन्हें निष्कासित कर दिया गया और टिकट नहीं दिया गया. इसके अलावा नरपत सिंह राजवी भी राजे खेमे के एक प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने खुद को जयपुर की सुरक्षित सीट से चित्तौड़गढ़ स्थानांतरित कर लिया, जहां से वह पार्टी के बागी चंद्रभान सिंह से हार गए.


जातीय समीकरण का होगा अहम रोल
वहीं राजे खेमे के कालीचरण सराफ के प्रोटेम स्पीकर बनने की खबर के बीच पार्टी ने आरएसएस नेता वासुदेव देवनानी को स्पीकर दिया, लेकिन अब जानकारों का मानना है कि बीजेपी अब राजे के साथ-साथ पूर्व विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ जैसे बड़े नामों के प्रति नर्मी दिखा सकती है. जबकि जातीय आधार पर ब्राह्मण सीएम और एक राजपूत और एक दलित को डिप्टी सीएम चुनने के बाद बीजेपी जिन शीर्ष समूहों पर विचार करेगी उनमें से एक जाट है, जो शीर्ष तीन पदों के लिए नजर अंदाज किए जाने से खुश नहीं है.


इन विधायकों को मिल सकता है मौका
बीजेपी के कई वरिष्ठ और नए विधायकों को मंत्री बनने की उम्मीद है. संभावित मंत्री बनने वाले विधायकों में पुष्पेंद्र सिंह राणावत (बाली), प्रतापपुरी महाराज (पोकरण), पब्बाराम विश्नोई (फलोदी), जोगाराम पटेल (लूणी), हमीर सिंह भायल (सिवाना), जयदीप बिहानी (श्रीगंगानगर), किरोड़ी लाल मीणा (सवाई माधोपुर), सुमित गोदारा (लूणकरणसर), झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर), जवाहर सिंह बेढम (नगर), अजय सिंह किलक (डेगाना), जोराराम कुमावत (सुमेरपुर), बाबा बालकनाथ (तिजारा), विश्वनाथ मेघवाल (खाजूवाला), ओटाराम देवासी (सिरोही), ताराचंद जैन (उदयपुर), बाबूलाल खराड़ी (झाड़ोल), अनीता भदेल (अजमेर उत्तर) और कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (झोटवाड़ा) शामिल हैं.


कांग्रेस ने साधा निशाना
भजनलाल मंत्रिमंडल में देरी होने पर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने स्तर कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. सरकार का संचालन दिल्ली से हो रहा है. मंत्रिमंडल भी दिल्ली के नेताओं के कारण अटका हुआ है. डोटासरा ने कहा कि 26 दिन हो गए, अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं होना जनता के साथ विश्वासघात है.



ये भी पढ़ें: Rajasthan News: उदयपुर में पर्यटकों के लिए बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम, नवनिर्वाचित विधायक के लिए बनी चुनौती