राजस्थान के उदयपुर जिले में चोरी के मामले में पुलिस की लिप्तता सामने आई है. जहां एक घर में 60 लाख रुपए की चोरी के मामले में पुलिस अपराधी की तलाश में माथा-पच्ची करती रही लेकिन जब एक आरोपी हाथ लगा तो पता चला कि पुलिस कांस्टेबल भी उसमें मिला हुआ है. एसपी विकास कुमार ने कांस्टेबल की सेवाओं को समाप्त करते हुए इसे गिरफ्तार कर लिया है.
जानें क्या है पूरा मामला?
22 जुलाई को जिले के बावलवाड़ा निवासी अनिता देवी ने खेरवाड़ा थाने में रिपोर्ट दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि ससुर साकरचन्द व सासुजी फुलीदेवी अमरनाथ यात्रा के लिये गये थे. घर पर मैं व मेरी ननद, मेरा पुत्र व पुत्री एवं घरेलू नौकर थे. रात में करीब 1.15 बजे के आस पास जहां हम सोये हुये थे उस के पास वाले कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आई, तो मैंने उठकर देखा तो दरवाजा खुला हो दरवाजे से भागते हुये दो अज्ञात बदमाश दिखे. फिर मैंने पड़ोस के अंकल के घर जाकर अज्ञात बदमाशों के बारे में बताया. मेरे अंकल एंव गांव के आस पास के लोग मेरे घर आये व कमरे के अन्दर जाकर देखा तो कमरे के अन्दर रखी अलमारी से सोने-चांदी जेवर और नकदी गायब थे.
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने मामले में एक आरोपी अंकित पुत्र राकेश पटेल को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद जब उससे पूछताछ की और अपने साथी का नाम लिया तो चौकाने वाला खुलासा हुआ. इसमें भूपालपुरा थाने में तैनात ट्रेनी कांस्टेबल नितेश पुत्र नाथूलाल पटेल का नाम सामने आया. दोनों बचपन के दोस्त ही निकले. मौज-शौक पूरे करने के लिए दोनों ने मिलकर गैंग बनाई और दो नाबालिग को भी शामिल कर लिया. इधर शहर के भूपालपुरा थाने में तैनात आरोपी ट्रेनी कांस्टेबल नितेश की सेवाएं एसपी विकास शर्मा ने समाप्त कर दी है. बावलवाड़ा थानाधिकारी हेमंत अहारी ने बताया आरोपी अंकित व कांस्टेबल नितेश एक ही गांव व बचपन के दोस्त है. अंकित ने जोधपुर जाकर चोरी का माल बेचने की बात बताई. यह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हुए हाई लाइफस्टाइल जीना चाहते थे.
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