प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पीएम बने तब कई घोषणाएं की और कई योजनाओं की शुरुआत की. इसमें एक योजना सांसद आदर्श गांव है. इसमें सांसदों को एक गांव को गोद लेना था जहां शहरो जैसी सुविधाएं करनी थी. सांसदों ने गांव को चिन्हित किया और इनके काम भी शुरू किया लेकिन भाजपा के दूसरे कार्यकाल में इस योजना में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं.


कई वर्षों से कोई काम नहीं हो पाया है जो काम सांसद ने हाथों में लिए थे उनकी शुरुआत तक नहीं हो पाई है. इसको लेकर उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा से बात की तो उन्होंने इसके पीछे कारण को बताया.


पहले सत्र में हुए काम, लेकिन दूसरी बार देखा तक नहीं

उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा द्वारा लिए गए गांव की बात करे तो उन्होंने उदयपुर जिले के भिंडर, सराडा, फलासिया, झल्लारा, सायरा पंचायत के गांवों को गोद लिया है ताकि उन्हें आदर्श गांव बना सके और यहां शहरो जैसी सुविधाएं दी जा सके.

 

पहले सत्र यानी वर्ष 2014 से 2019 तक सांसद मीणा ने 146 कार्यों को स्वीकृत किया था. लगातार केंद्र से बजट आता रहा और यहां 144 कार्य हो गए. वहीं वर्ष 2019 से 22 तक करीब 161 कार्यों को स्वीकृति दी लेकिन उनमें से महज 70 काम ही पूरे हो पाए. इसके अलावा वह काम वर्षों से पेंडिंग ही चल रहे हैं. यहीं नही राजस्थान विधानसभा चुनाव आने पर इसे मुद्दा भी बनाया जा रहा है.

 

यह कहा सांसद मीणा ने

सांसद अर्जुन लाल मीणा ने एबीपी को बताया कि पहले काम करवाए और विकास भी है लेकिन पिछले 3 साल से बजट ही नहीं आ रहा है. कई बार केंद्र को बजट के लिए पत्र भी लिखा. फिर सीएसआर के तहत विकास के करवाने को बात कही गई थी. सीएसआर के लिए भी कोशिश की गई लेकिन वहां से भी सहायता नहीं मिल पाई है. कोशिश कर रहे हैं कि बजट आए और जो वंचित कार्य है उनको पूरा किया जा सके.