Rajasthan: लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद बोर्ड और निगमों में नियुक्तियां शुरू होंगी. जाट, गुर्जर, क्षत्रिय वोट बैंक को साधने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने जातिगत आधार पर बोर्ड और निगम में नेताओं को जिम्मेदारी दी थी.


जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतार दिया गया है. सरकार के कामकाज में अहम भूमिका निभाने वाले बोर्ड और निगम पर नेताओं की नजर है. सचिवालय स्तर पर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं के कार्यकाल की समीक्षा की जा रही है. 


सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति में युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी. साथ ही विधानसभा का चुनाव हार चुके नेताओं को भी बोर्ड और निगम में बिठाया जायेगा. पद की आस लगाये बैठे नेताओं को लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने का है. यूथ बोर्ड, महिला आयोग, समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड, खादी बोर्ड, राजस्थान राज्य बीज निगम, आवासन मंडल, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, राज्य खेल परिषद,नि:शक्तजन आयोग, गोसवा आयोग, घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड, सिंधी अकादमी, राज्य सफाई कर्मचारी चयन आयोग, बृजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संस्कृत अकादमी, जवाहर कला केंद्र के लिए नाम फाइनल हो चुका है. नामों की लिस्ट जारी करने की औपचारिकता बाकी है. 


बोर्ड -निगमों में की जानी है नियुक्तियां


राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) और हाउसिंग बोर्ड के लिए चिंतन चल रहा है. दोनों पदों पर किसी दिग्गज नेता को मौका दिये जाने के आसार हैं. बोर्ड और निगम सरकार को सुझाव भी देते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में बीजेपी सरकार ने किसान आयोग का अध्यक्ष सीआर चौधरी, पूर्व सांसद जसवंत सिंह को जीव जंतु कल्याण बोर्ड, ओमप्रकाश भडाना को देवनारायण बोर्ड, पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण बोर्ड, प्रहलाद टांक को माटी कला बोर्ड, राजेंद्र नायक को राज्य एससी वित्त निगम, रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था. मगर, इन्हें अभी सुविधाएं मिल नहीं पाई हैं.


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