कोटा चंबल रिवर फ्रंट को लेकर उद्घाटन से एक दिन पहले राजनीति परवान पर पहुंच गई. कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल एवं राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने चंबल रिवर फ्रंट को नियम विरूद्ध बताया है.
प्रहलाद गुंजल ने कहा कि इवेंट कंपनी को जहां 100 करोड़ रुपए देकर जनता के धान की बबार्दी की जा रही है वहीं चंबल रिवर फ्रंट के नाम पर जनता के 1500 करोड रुपए को पानी में बहा दिया गया है. प्रेसवार्ता कर प्रहलाद गुंजल ने मीडिया को बताया कि जहां चम्बल रिवर फ्रंट बनाया गया है वहां घड़ियाल अभयारण्य का बफर जोन है. यहां पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि घड़ियाल अभ्यारण के नियमों का वायलेशन हुआ है. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है.
अभ्यारण के बफर जोन में कोई भी गतिविधियां नहीं की जा सकती, वह प्रतिबंधित है. गुंजल ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन व एनजीटी के नियमों का हवाला देते हुए चंबल रिवर फ्रंट को असंवैधानिक व अवैध बताया है.
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम एवं वन्य जीव अधिनियम का घोर उलंघन
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2023 को भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन्य जीव खंड द्वारा राज्य सरकार के वन्य जीव संरक्षण जयपुर को पत्र लिखकर सूचित किया है कि राज्य के चंबल घड़ियाल सेंचुरी जॉन के इको सेंसेटिव जोन में किया गया निर्माण पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 एवं वन्य जीव अधिनियम 1972 के नियमों का घोर उल्लंघन है.
भ्रष्टाचार का अडा है चम्बल रिवर फ्रंट
प्रहलाद गुंजल ने कहा कि चम्बल रिवर फ्रंट भ्रष्टाचार का अड्डा है. नॉन बीएसआर रेट पर एक-एक हजार गुना रेट पर भी यहां पर सामग्री पर्र्चेज हुई है. 145 प्रतिशत पर वर्क आॅर्डर दिए गए हैं. हमारी सरकार आएगी तो रिवर फ्रंट के एक एक कार्य की आॅडिट कराई जाएगी. जो दोषी होंगे सभी को जेल भेजा जाएगा.
जहां 50 साल कोटा नहीं जाएगा वहां की जमीनों को कोडियों के भाव बेच दिया
प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया कि जहां कोटा 50 साल तक जाने वाला नहीं है वहां की जमीनों को कोडियों के भाव बेच दिया गया है. उन्होंने कहा कि केडीए के नाम पर गांव की जगह को शामिल किया है जिसका विरोध हो रहा है, बूंदी, बारां और कोटा में विरोध हो रहा है, कांग्रेस के ही विधायक विरोध कर रहे हैं. कोटा के 50 साल के भविष्य को दाव पर लगा दिया.