राजस्थान को वीरों की भूमि माना कहा जाता है राजस्थान में लम्बी मूछें रखना लोगों का शौक रहा है. आज भी कई लोग अपनी लम्बी मूंछों के लिए जाने जाते हैं. आज भी राजस्थान में कई जगह लम्बी मूंछों के लिए मूंछ प्रतियोगिता कराई जाती है. भरतपुर जिले में स्थित एक हनुमान जी मंदिर के महंत 65 वर्षीय बाबा जानकीदास ना केवल संत के रूप में जाने जाते हैं बल्कि लोग उन्हें दाढ़ी वाले चैंपियन बाबा के रूप में भी जानते हैं.

 

बाबा जानकीदास अपनी 21 फीट लंबी दाढ़ी से गैस के 2 सिलेंडर उठाते हैं. कुंभ मेले में नागा साधु और आम साधुओं के बीच हुई दाढ़ी से वजन उठाने की प्रतियोगिता में बाबा जानकी दास पहले नंबर पर आए थे. इसके अलावा मध्य प्रदेश में दाढ़ी वाले बाबा ने दाढ़ी से वजन उठाकर प्रतियोगिता जीते और इनाम में मोटरसाइकिल मिली. 

30 वर्षों से गृहस्थ जीवन त्याग कर संत महात्मा बन गए

जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय संत बाबा जानकीदास करीब 30 वर्षों से गृहस्थ जीवन त्याग कर संत महात्मा बन गए. तभी से ही हनुमान जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं. शहर में मथुरा बाईपास रोड पर हनुमान जी का मंदिर है जहां के वे महंत है और इतना ही नहीं सुबह श्याम बरजिश करते हैं और ध्यान योग भी करते हैं.

जानकीदास राजस्थान के अलावा देश के अन्य प्रदेशों में वजन उठाने की प्रतियोगिता जीत चुके हैं मगर विगत गुरु पूर्णिमा के दिन जब भक्तों की  उनके मंदिर में भीड़ लगी उसी समय उन्होंने अपनी 21 फीट लंबी दाढ़ी से वहां रखे दो गैस सिलेंडर को उठा लिया. दाढ़ी वाले बाबा ने युवाओं को भी संदेश दिया कि हमेशा योग साधना और कसरत करनी चाहिए जिससे आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे. 

 

क्या कहना है बाबा जानकी दास का

 

बाबा जानकी दास ने बताया हैं कि मेरा नाम जानकीदास त्यागी है. मई गोलपुरा मथुरा बाईपास रोड पर मेरा आश्रम है हनुमान मंदिर  मैं ध्यान योग और हनुमान जी की भक्ति करता हूं.  मैंने 5 किलो बजन दाढ़ी से उठाने का अभ्यास शुरू किया था और कई वर्षों से मुझे अपनी गाड़ी से वजन उठाने का अभ्यास करना पड़ा और उसके बाद मैंने अपनी दाढ़ी से वजन उठाने के प्रतियोगिता में भाग लेकर कई मैडल, स्मृति चिन्ह और प्रमाण-पत्र मिले हैं. 

 

उनका कहना है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा योगा करना चाहिए जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है. संत जानकीदास ने बताया है कि हिमाचल में हुई प्रतियोगिता में टॉप किया है. उज्जैन कुम्भ के मेले में भी टॉप किया है.