Rajasthan Chittorgarh Fort Tourists: देश का सबके बड़ा और सभी किलों के सिरमौर राजस्थान (Rajasthan) के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) दुर्ग में पर्यटकों की सुविधाओं के लिए बदलाव होने जा रहे हैं. ये दुर्ग अब रात को रोशनी में भी चमकेगा और सात दरवाजों को पार कर ऊंची चढ़ाई चढ़ने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) भी मिलेंगे. इसके अलावा भी अन्य तैयारियां हो चुकी हैं, जिसका चित्तौड़गढ़ कलेक्टर अरविंद पोसवाल (Arvind Poswal) के खाका बना लिया है. फोकस पर्यटकों (Tourists) का ठहराव बढ़ाने पर है. इसके लिए दुर्ग साथ शहर में गंभीरी रिवर फ्रंट डवलपमेंट प्रोजेक्ट और 20 किलोमीटर दूर बस्सी सेंचुरी को ईको एंड विलेज टूरिज्म साइट बनाने की योजना है. फोर्ट कांप्लेक्स संबंधी प्लान मार्च-अप्रैल 2023 यानी एक साल में धरातल पर उतारने का है. जल्द ही गंभीरी रिवर फ्रंट और बस्सी की कार्ययोजना पर काम शुरू हो जाएगा. 


चित्तौड़गढ़ दुर्ग में होंगे ये परिवर्तन


● पहली बार ऑडियो ट्यून शुरू होगा जिसमें कि पर्यटक प्रमुख स्मारक पर अपनी लैंग्वेज में उसका विवरण सुन पाएंगे.
● केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना में स्वीकृत टिकट काउंटर के पास बड़ी पार्किंग, टॉयलेट और पेयजल सुविधा को होगी. ताकि प्राइवेट वाहन टिकट विंडो से आगे नहीं जाए.
● सूरजपोल से दुर्ग से बाहर निकलने के वैकल्पिक रास्ते की संभावना पर पीडब्लूडी से सर्वे करवाना.
● किले के लिए बैट्री चलित वाहन और उतरने-चढ़ने के लिए विशेष बसें.
● पूर्व स्वीकृत टॉयलेट, पेयजल सुविधा को अमल में लाना. महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कैफेटेरिया और अन्य उत्पादों की स्टॉल्स.
● सभी प्रमुख स्मारकों, प्राचीर आदि पर फ्लड लाइटिंग ताकि ये रात में भी जगमग दिखे.
● सभी गाइड का पंजीयन व प्रशिक्षण उनका ड्रेस कोड, आईडी और टूरिस्ट फीस निर्धारित करना.
● प्राचीन जलस्त्रोतों का रखरखाव व सफाई स्मारकों पर प्रॉपर साइनेज बोर्ड.
● नगर परिषद से स्ट्रीट वेंडर्स को नियमित करवाना.




 गंभीरी रिवर फ्रंट में होगा काम 


● नदी के किनारे पार्क और घाट जहां लोग और पर्यटक बैठ सकें.
● पैदल वॉक व जॉगिंग ट्रैक, चौपाटी, सौंदर्यीकरण के लिए नदी में गिरते वाटर फॉल, रिटेनिंग दीवारें.
● सीवरेज ट्रीटमेंट और अनट्रीट गंदा पानी नदी में गिरने से रोकना.
● प्रोजेक्ट लागत करीब 25 करोड़.
● कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद और यूआईटी.


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बस्सी में ये होगा 


● बस्सी कस्बा और सेंचुरी को पर्यटकों का नया आकर्षण बनाना.
● बस्सी डैम में वाटर स्पोर्ट्स, इसके लिए बोटिंग शुरू होगी.
● बस्सी के ऐतिहासिक मंदिर, बावड़ियों और किले का संरक्षण.
● पर्यटकों के लिए वाइल्ड लाइफ और विलेज सफारी शुरू करना.
● बस्सी की पहचान प्राचीन काष्ट कला को प्रमोट करना.


अर्थव्यवस्था में बड़ा रोल नहीं 
चित्तौड़गढ़ कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि, विश्व धरोहर चित्तौड़गढ़ देश-दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर प्रसिद्ध है लेकिन पर्यटन अब तक स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था में बड़ा रोल प्ले नहीं कर पाया है. पर्यटक मात्र दिन के टूर पर आकर चले जाते हैं. यही कारण है कि रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो पाए हैं. एक साल में 7 लाख तक पर्यटक आने के बाद भी स्थानीय समुदाय लाभान्वित नहीं हुआ, बड़ी वजह अन्य आकर्षण की कमी है.अधिकारी ने बताया कि, किले पर भी कुछ इश्यू हैं जैसे ट्रैफिक मैनजमेंट, पीक सीजन में पार्किंग और आवागमन की समस्या, जरूरी सुविधाओं की कमी, समुचित कैफेटेरिया की कमी. 


नए प्लान पर भी होगा काम 
चित्तौड़गढ़ कलेक्टर ने कहा कि, दुर्ग पर आकर्षण बढ़ने के साथ पर्यटक अच्छा अनुभव करें, आसपास वैकल्पिक टूरिज्म साइट्स भी विकसित हों इसे लेकर भी योजना है. इससे रोजगार और आय में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने बताया कि, सांवलियाजी में वाटर लेजर शो चलने वाला है. वहां वृंदावन के प्रेम मंदिर की तर्ज पर लाइटिंग का प्लान भी है. पूरे नवाचार से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पर्यटन, नगर परिषद, यूआईटी, वन विभाग और ग्राम पंचायत बस्सी आदि विभाग जुड़ेंगे. फंडिंग के लिए केंद्र सरकार के स्वदेश दर्शन प्रोजेक्ट में स्वीकृत 11 करोड़ रुपए सहित ये विभाग, सीएसआर और डीएमएफटी आदि से सहयोग लेंगे. हालांकि, समग्र जिले के हिसाब से एक और नवाचार प्लान बनाएंगे.


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