जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने ‘जन सेवा ही कर्म-जन सेवा ही धर्म’ के सूत्र वाक्य के साथ संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह सुशासन को धरातल पर साकार किया है. उन्होंने कहा कि जनता से किए गए वादों को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया है.मुख्यमंत्री सोमवार को जयपुर के हरिश्चंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर आयोजित चिंतन शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे.शिविर में पहले दिन चिकित्सा व स्वास्थ्य सहित 14 विभागों की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, बजट घोषणाओं, जन घोषणाओं एवं महत्वपूर्ण फैसलों की क्रियान्विति तथा भावी योजनाओं को लेकर चिंतन किया गया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दावे क्या हैं
मुख्यमंत्री ने कहा,''हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि जन घोषणा पत्र में किए गए वादों में से 77 फीसदी पूर्ण हो चुके हैं और 19 फीसदी प्रगतिरत हैं.यानी 96 फीसदी वादों को पूरा किया गया है.'' उन्होंने कहा, ''इसी तरह चार वर्षों में की गई 2722 बजट घोषणाओं में से करीब 2549 की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की चुकी हैं, जो 94 फीसदी हैं. अब तक 49 फीसदी बजट घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 37 फीसदी प्रगति पर हैं.''
आधिकारिक बयान के अनुसार गहलोत ने कहा कि चार साल में जितनी बजट घोषणाएं हुई उतनी पहले कभी नहीं हुई.उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों, कोरोना महामारी सहित अन्य प्रतिकूलताओं के चलते इन घोषणाओं को पूरा करना आसान नहीं था,लेकिन राज्य सरकार ने दिन-रात एक कर जनता से किए वादों को पूरा किया. इसी का परिणाम रहा है कि राजस्थान 11.04 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल कर पूरे देश में सकल घरेलू उत्पाद में दूसरे स्थान पर रहा है. प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि दर्ज की गई है.
सरकारी कर्मचारियों को दी सामाजिक सुरक्षा
गहलोत ने कहा कि देश में सबसे पहले राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) फिर से लागू कर सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, उडान योजना और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन दी जा रही है, उसी तरह केन्द्र सरकार को भी पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा कानून बनाकर पेंशन उपलब्ध करानी चाहिए.
गहलोत ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां पर पेपर लीक करने वालों को कानून के दायरे में लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.उन्होंने कहा कि पेपर लीक में शामिल अपराधियों/आरोपियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा,''हमारी सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान को बीमारू श्रेणी से बाहर निकालकर ‘मॉडल स्टेट’ की श्रेणी में शामिल कर दिया है.हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान विकास के हर पैमाने पर अव्वल हो.''
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