Chittorgarh Shoe Theft Case: चोरी के कई अनोखे मामले पुलिस थाने में आते रहते हैं. कुछ ऐसे ही मामले सामने आते है, जिसमें उच्च अधिकारी का कुत्ता गुम हो जाने पर पुलिस तलाश करने में जुट जाती है. लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया पुलिस थाने में चौकाने और अनोखा मामला सामने आया है.  यहां देशभर में प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर से 6 साल पहले मध्य प्रदेश के एक अधिकारी के जूते चोरी हुए थे. उसका एक बार फिर मामला उठा है. यहां तक कि पुलिस ने रिपोर्ट देने वाले व्यक्ति को थाने तक बुलाया और कहा आकर जूते तो पहचानने पड़ेंगे. इस पुलिस रिपोर्ट की हर तरफ चर्चा हो रही है. 


2017 में रिटायर सहायक के जूते हुए थे मिसिंग
दरअसल मध्य प्रदेश के शिवपुरी निवासी एक व्यक्ति है जिनका नाम महेंद्र कुमार दुबे है, जो फिशरीज विभाग के रिटायर्ड सहायक संचालक हैं. वह वर्ष 2017 में प्रसिद्ध मंदिर सांवलिया सेठ आए थे. यहां मंदिर के बाहर उन्होंने जूते खोले थे. वह बाहर आए तो जूते नहीं मिले. उन्होंने इस समय चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक को जूते चोरी होने का परिवाद दिया था. 


जज के जूते तलाशने में बनी पुलिस टीम
इसके बाद कुछ दिन पहले उन्होंने एक खबर पढ़ी कि जयपुर में मंदिर के बाहर से मजिस्ट्रेट के जूते चोरी हो गए हैं और तलाशने के लिए टीम बनी है. फिर पर उन्हें उनके जूते याद आए. उन्होंने पुराने परिवाद को अटैच कर थाना पुलिस को 6 साल बाद फिर से परिवाद भेजा. उन्होंने थाना पुलिस से कार्यवाही के बारे में पूछा. 


थाने बुलाया लेकिन वह आए नहीं 
मंडफिया थानाधिकारी रविंद्र से एबीपी न्यूज़ ने बात की तो उन्होंने बताया कि 6 साल पहले परिवाद दिया था, तब यहां थाना नहीं था. उन्होंने कोई जयपुर में जुटे चोरी होने पर पुलिस कार्यवाही की खबर पढ़ी और फिर परिवाद भेजा. कांस्टेबल को परिवाद दिया था जांच के लिए. कांस्टेबल ने उन्हें कॉल किया और कहा कि आप थाने आजाओ. वह कहते हैं कि थाने नहीं आना हो पाएगा. ऐसे में उनके बयान कैसे लिए जाएंगे और उन्हें जूते मिले तो पहचानने के लिए तो आना पड़ेगा. बता दे कि रिपोर्ट उन्होंने करीब 1200 रुपए में जुटे खरीदे थे और अब कहना कि वहां आऊंगा तो 2000 रुपए का खर्चा हो जाएगा.


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