(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: काजरी और डीएसटी विभाग ने शुरू की पौष्टिक थाली, बाजरे से बने चॉकलेट और कई फूड प्रोडक्टस मिलेंगे
इसमें काजरी के ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी एंड ट्रेनिंग विभाग ने बाजरे के कई प्रोडक्ट तैयर किए हैं. यह प्रोडक्ट बच्चों के लिए न्यू ट्रेंड फूड हैं जो स्वाद के साथ कैलोरी की जरूरत पूरी करेगा.
Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर में काजरी और डीएसटी विभाग ने शानदार पहल की शुरूआत की है. इस पहल में उन्होंने महिलाओं को हेल्दी लाइफ देने और बच्चों को शरीर के जरूरत के अनुसार न्यूट्रीशियंस देने के लिए पौष्टिक थाली की शुरूआत की है. इसमें काजरी के ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी एंड ट्रेनिंग विभाग ने बाजरे के कई प्रोडक्ट तैयर किए हैं. डीएसटी प्रोजेक्ट के अनुसार बनाए गए बाजरे के यह प्रोडक्ट बच्चों के लिए न्यू ट्रेंड फूड हैं जो स्वाद के साथ कैलोरी की जरूरत पूरी करेगा.
बाजरे के चॉकलेट, बिस्किट का ले सकेंगे स्वाद
काजरी द्वारा बनाए गए इस बाजरे के प्लेटर का नाम पौष्टिक थाली रखा गया है. इस थआली में बाजरे की मठरी, लड्डू, पेड़ा, चॉकलेट, कैंडी और कुरकुरे खास हैं. डीएसटी की प्रधान अन्वेषक डॉ. प्रतिभा तिवारी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में वैराइटी ऑफ फूड है. इससे बच्चों को न्यूट्रीशन फूड मिलेगा वहीं महिलाएं इसे बिजनेस के रूप में करके अपनी आय बढ़ा सकती है.
डॉ. तिवारी ने और जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का जिम्मा काजरी को सौपा गया है. वहीं जो महिलाएं प्रोडक्ट बनाना सीखना चाहती हैं. वह संस्थान में आकर पूरी प्रक्रिया सीख सकती है. वह इस प्रक्रिया को सीखकर अपने आसापस में केंद्र लगाकर अच्छी अर्निंग कर सकती हैं.
बच्चों के लिए फायदेमंद है बाजरे का प्रोडक्ट
डॉ. तिवारी ने बताया कि घर और बाहर सभी जगह बच्चों को उनकी उम्र और पूरे दिन की कैलोरी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए फूड मुहैया नहीं कराया जा सकता. इसलिए बाजरे के यह प्रोडक्ट ब्च्चों की जरूरत और उम्र को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं. यह पौष्टिक थाली 3 से 6 साल के बच्चों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. बच्चों को पूरे दिन में 900 ग्राम कैलोरी की जरूरत होती है जो यह बाजरा प्लेटर के जरिए पूरा किया जा सकता है.
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