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Rajasthan News: राजस्थान के चूरू में तेज गर्मी ने फसलों को पहुंचाया नुकसान, समय से पहले पककर हुईं तैयार
राजस्थान के चूरू में तेज गर्मी की वजह से फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. जो फसलें अप्रैल के महीने में पककर तैयार होने वाली थीं वे मार्च में ही समय से पहले पक गई हैं.
चूरू: राजस्थान के चूरू (Churu) में अप्रेल की शुरुआत भी चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों के साथ हुई है. पिछले महीने मार्च की बात करे तो मार्च के अंतिम पखवाड़े में तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहने के कारण समय से पहले गेहूं, जौ, चने की फसल पक कर तैयार हो गई जिसके कारण लगभग 10 से 15 प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ है.
गर्मी ने किसानों की फसलों को किया प्रभावित
बता दें कि मार्च माह के अंतिम पखवाड़े में तेज गर्मी ने आमजन को ही नहीं किसानों की रबी के खेती से उपजी फसलों को भी प्रभावित किया है। पिछले महीने मार्च के अंतिम 15 में से 9 दिन तापमान 40 डिग्री से ज्यादा रहा, इस कारण चना, गेहूं ओर जौ की फसल समय से पहले ही पक गई. इससे उनमें 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान की संभावना जताई जा रही है.
अप्रैल में पकने वाली फसलें तेज गर्मी की वजह से मार्च में ही पक गई
वहीं चूरू के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार चना, गेहूं व जौ की फसलो के पकने का समय अप्रैल के महीने में शुरुआत के सप्ताह में होता है. किसान दूसरे व तीसरे सप्ताह तक कटाई का कार्य शुरू करते हैं, लेकिन इस बार किसानों ने करीब 2 सप्ताह पहले ही इन गेंहू, जौ ओर चना की कटाई शुरू कर दी थी. दरअसल तेज गर्मी व लू के कारण इस बार समय से पहले ही फसल पक गई. मार्च के दूसरे पखवाड़े में लगातार तेज गर्मी से चना, गेहूं व जौ की फसलें प्रभावित हुई है. इनमें 10 - 15 % तक नुकसान भी की संभावना है. बता दें कि सामान्य से अधिक तापमान रहने से दोनों में नमी कम होने के कारण ये फसल समय से पहले ही सूख गई. इसके कारण इन फसलों की पकाई सही तरीके से नहीं हुई है. वहीं गुणवत्ता में भी ये थोड़ी कम है, तथा वजन में भी कम हैं,वहीं रेवेन्यू विभाग के अनुसार जिले में इस बार 2.92 लाख हेक्टेयर में चना, 39 हजार हेक्टेयर में गेंहू, 8967 में जौ, तथा 1.12 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुवाई की गई थी. सितंबर ओर अक्टूबर में लगातार बारिश होने के कारण इस बार चने की बुवाई ज्यादा हुई है.
मार्च में गर्म लहर के कई दौर दर्ज किए गए
गौरतलब है कि मार्च में गर्म लहर के दौर दर्ज किए गए. पहला दौर 16 से 22 मार्च, दूसरा 28 से 31 मार्च तक रहा. वहीं अब अप्रैल में भी मौसम शुष्क बना हुआ है. ताप समय से अधिक रहने की संभावना आगे भी बनी रहेगी. वहीं बारिश की स्थिति भी सामान्य से कम होने की संभावना बनी हुई है. हालांकि आज दिन तक हीटवेव का असर कुछ कम रहेगा. उसके बाद अधिकतम तापमान में दो-तीन डिग्री की बढ़ोतरी होगी. द्वितीय सप्ताह में भी हीटवेव का असर रहेगा, जिले में गर्म हवा का असर कुछ कम होने से अधिकतम तापमान में पिछले 2 से 3 दिनों में 2 डिग्री की गिरावट के साथ यह 40 डिग्री बना हुआ है. हालांकि अब फिर से तापमान में बढ़ोतरी के साथ हीट वेव शुरू हो जाएंगी.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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