Rajasthan News: ऋषि-मुनियों की वंशावली को संजोएगी राजस्थान सरकार, प्राचीन वंशावलियों को माइक्रोफिल्म में बदलने की प्लानिंग
Jaipur News: वंशावली संरक्षण अकादमी ने जयपुर में वंश लेखक सम्मेलन सम्मान समारोह का आयोजन किया. अशोक गहलोत ने वंशावलियों को सुरक्षित रखने के लिए माइक्रोफिल्म बनवाने का फैसला किया है.
Rajasthan News: ऋषि-मुनियों के प्राचीन काल से भारत में वंशावलियां लिखी जा रही है. बदलते वक्त के साथ पुरानी होती जा रही वंशावलियों के खत्म होने से विरासत भी नष्ट हो रही है. ऐसे में इन वंशावलियों को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान (Rajasthan) सरकार योजना बना रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इन पुरातन धरोहर को संरक्षित करने के लिए वंशावलियों की माइक्रोफिल्म बनवाने का फैसला किया है.
सीएम गहलोत ने जानी लेखन पद्धति
वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन अकादमी ने रविवार को राजधानी जयपुर के हरीशचंद्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान सभागार में वंश लेखक सम्मेलन और प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समारोह में वंश लेखकों के प्रतिभावान बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. वरिष्ठ वंश लेखकों से बातचीत करते हुए लेखन पद्धति की जानकारी भी ली.
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जयपुर में बनेगा वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन अकादमी कार्यालय
सीएम गहलोत ने कहा कि वंश लेखन परंपरा हमारी सभ्यता और संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है. वंश लेखकों के पास हमारी विरासत के महत्वपूर्ण भंडार है. वंशावली लेखन की परंपरा भारत में ही है. वंशावलियां हमें अपने गौरवशाली अतीत की जानकारी देती हैं. वंश लेखक संसाधनों के अभाव में भी लेखन कार्य कर रहे हैं, यह बड़ी उपलब्धि है. राज्य सरकार वंश लेखकों के हितों के लिए योजनाएं बना रही हैं. शीघ्र ही जयपुर में वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन अकादमी का कार्यालय शुरू किया जाएगा. यहां से प्रदेश के वंश लेखकों के उत्थान में कार्य संपादित होंगे. राज्य सरकार का वंश लेखकों के साथ हमेशा जुड़ाव रहेगा.
वंशावली संरक्षण के लिए अपनाएं नवाचार
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह ऐतिहासिक अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन किया है, उसी तरह वंश लेखक लेखन में नवाचार अपनाएं. अकादमी की परंपरागत वंशालियों के संरक्षण और संधारण के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाए. वंश लेखक शब्द के साथ स्वर, संगीत, साहित्य के सोरठा, दोहा, कवित्त, चौपाई, छप्पय आदि छंद की जानकारी रखने वाला होता है. यह खजाना विभिन्न वंश लेखकों के पास है. वंश लेखक पुराणों की कथा, लोक कथा, वंशावली लेखन, वंशावली वाचन और नई बहियों का निर्माण करता है.
34 लाख ऐतिहासिक अभिलेखों की माइक्रोफिल्म तैयार
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार देश का पहला डिजिटल अभिलेखागार है. यहां पूर्व रियासतों के 1.50 करोड़ से अधिक ऐतिहासिक और प्रशासनिक अभिलेखों के डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा कर वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन किया गया है. राज्य सरकार ने अब तक 34 लाख ऐतिहासिक अभिलेखों की माइक्रोफिल्म बनाई है. जल्द ही 25 लाख अभिलेखों की माइक्रोफिल्म बनाई जाएगी.
वंश लेखन परंपरा से जुड़ें युवा पीढ़ी
अकादमी अध्यक्ष रामसिंह राव ने कहा कि वंशावलियों में सिर्फ सत्य लिखा जाता है. वंश लेखक किसी भी प्रलोभन से परे पूरी निष्ठा के साथ लेखन कार्य करते हैं. युवा पीढ़ी वंश लेखन परंपरा से भी जुड़ाव बनाए रखें. राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़, जन अभाव अभियोग निराकरण आयोग अध्यक्ष पुखराज पाराशर, अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के.गोयल ने भी विचार रखे.