Karauli Violence: हिंदू नव वर्ष पर करौली हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान में अब धार्मिक त्योहार, जयंती, शोभा यात्रा, प्रदर्शन, सार्वजनिक कार्यक्रम और जुलूस बिना अनुमति के नहीं निकाले जा सकेंगे. गौरतलब है कि हिंदू नव वर्ष पर पथराव के बाद आगजनी से सांप्रदायिक माहौल खराब हो गया था. घटना के बाद राज्य सरकार ने आयोजन पर दिशा निर्देश जारी किया है. गृह विभाग के जारी आदेशानुसार सार्वजनिक कार्यक्रम, शोभायात्रा, प्रदर्शन के सम्बन्ध में आयोजकों को एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी.


करौली हिंसा के बाद गहलोत सरकार का बड़ा फैसला


मंजूरी के लिए निर्धारित प्रारूप में संबंधित अधिकारी को प्रार्थना-पत्र और शपथ-पत्र पेश करना होगा. एसडीएम, एडीएम और प्राधिकृत अधिकारी प्रार्थना-पत्र के तथ्यों का सम्बन्धित थानाधिकारी से सत्यापन करवाएंगे. एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी प्रार्थना-पत्र को निस्तारित करते समय डीजीपी की ओर से जारी निर्देशों में वर्णित बिन्दुओं और समय-समय पर विभाग की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखेंगे. एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम के प्रार्थना-पत्र को निस्तारित करते समय राजस्थान ध्वनि नियंत्रण नियम, 1964 के प्रावधानों को भी ध्यान में रखेंगे. एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम की स्वीकृति निर्धारित प्रारूप में देंगे. एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए प्राप्त प्रार्थना-पत्र की निस्तारण की सूचना संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त को देंगे. दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.


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बिना अनुमति नहीं निकाली जाएगी शोभा यात्राएं


गृह विभाग की ओर से जारी प्रोफार्मा के अनुसार आयोजक को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड के साथ संस्था के नाम रजिस्ट्रीकरण की जानकारी देनी होगी. कार्यक्रम के आयोजन प्रकार जैसे धार्मिक, सामाजिक उत्सव, जुलूस, राजनीतिक प्रदर्शन, अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों को बताना होगा. आयोजन शुरू होने से लेकर खत्म होने की तारीख, समय और कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या बतानी होगी. 5 दिन में आने वाले वीवीआईपी व्यक्तियों के नाम और पद, रैली जुलूस के गुजरने का मार्ग विवरण बताना होगा. प्रतिबंधित हथियारों के उपयोग नहीं करने का शपथ पत्र देना होगा. दिशा निर्देशों के अनुसार मंजूरी के लिए शपथ पत्र दिया जाएगा. शपथ पत्र में आश्वासन देना होगा कि आयोजन, कार्यक्रम शांतिपूर्वक होगा. आयोजन में प्रतिबंधित हथियार का प्रयोग नहीं किया जाएगा. आयोजन के लिए अनुमति प्राप्त स्थान पर ही आयोजन किया जाएगा.


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