Jaipur News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बुधवार को 72 साल के हो गए. कुछ ही समय में उनके सियासी करियर के पचास साल भी पूरे हो जाएंगे. अब इसके आगे उनका सियासी विजन क्या है? वो अपनी सियासत को लेकर क्या सोचते हैं? इस पर गहलोत ने जवाब दिया कि '2023 का अर्थ ये नहीं मैं सीएम पद पर ही रहूं.' इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि उन्हें इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक के साथ काम करने का अवसर मिला.
अशोक गहलोत ने कहा कि 50 साल तक जिम्मेदारी लेकर बैठना रेयर ही होता है. वो कहते हैं जब तक राजनीति कर संकेगे, करेंगे. विपक्ष के किस नेता ने उनको सबसे ज्यादा प्रभावित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब पीएम थे तो मैं सीएम था. इस दौरान प्रदेश में लगातार चार अकाल पड़े. उन्होंने जरूरतों के समय कोई राजनीति नहीं की. राजस्थान चुनाव में नेताओं के बच्चों की सक्रियता पर उन्होंने कहा कि राजनीति में भाई- भतीजा सब आओ. इसमें कोई बुराई नहीं है. डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बन सकता है तो राजनेता का बेटा राजनीति में क्यों नहीं आ सकता.
स्कूल, कॉलेज और एमएलए का चुनाव हारे
हिन्दी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में युवाओं की राजनीति में रगड़ाई वाले सवाल पर सीएम गहलोत ने जवाब देते हुए कहा कि इस एक शब्द को लेकर अलग- अलग सोच हो सकती है. वो कहते हैं वो भी स्कूल, कॉलेज और एमएलए का चुनाव हारे. ये भी एक किश्म की रगड़ाई ही है. बीजेपी के योजनाओं को बंद करने के आरोप के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये आरोप उन्हें बीजेपी पर लगाने चाहिए कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने उनकी कई योजनाएं बंद कर दी. कैबिनेट विस्तार और मंत्रियों की परफॉरमेंस को लेकर उन्होंने कहा कि उनके मन में कई बाते हैं. जिन्होंने उनकी सरकार बचाई. उन्हें किस तरह जितवाएं.साथ ही जिन्होंने उनका साथ नहीं दिया, उनको जितवाना भी उनकी ड्यूटी है.