Big Fan Of CM Ashok Gehlot: आपने फिल्म स्टार्स के तो कई फैन देखे और सुने होंगे. लेकिन किसी नेता के लिए ऐसी दीवानगी शायद ही देखी होगी. हम आपको मिलवाते हैं एक ऐसे व्यक्ति से, जिसने एक नेता की कुर्सी बचाने के लिए अन्न का त्याग कर दिया. इतना ही नहीं, अब उस नेता से मुलाकात करने के लिए दो साल से उन्होंने कुछ नहीं खाया है. 


इस वजह से किया अन्न का त्याग
राजस्थान के अजमेर जिले में केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में चकवा गांव में रहने वाले चंद्रभान सिंह मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत को भगवान मानते हैं. अपनी सोच के चलते वे कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे हैं. साल 2020 में जब राजस्थान में सियासी संकट आया और सीएम अशोक गहलोत की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा तो चंद्रभान बेचैन हो गए. उन्हें अपने सियासी भगवान की चिंता सताने लगी. नेता की कुर्सी बची रहे इसके लिए कार्यकर्ता ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी. दिन-रात गेगीराम बाबा की समाधि पर बैठे रहकर प्रार्थना करते. अशोक गहलोत को सीएम बनाए रखने की मनोकामना करते हुए चंद्रभान ने अन्न का त्याग कर दिया.


अब भी नहीं किया अन्न ग्रहण
दो साल पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर लंबी जद्दोजहद हुई. कई दिन तक गर्माया सियासी माहौल धीरे-धीरे ठंडा हो गया और अशोक गहलोत आज तक सीएम बने हुए हैं. मगर चंद्रभान ने अब भी अन्न ग्रहण नहीं किया है. उनका प्रण आज भी जारी है. इस बीच इन दिनों एक बार फिर राजस्थान कांग्रेस में सियासी संग्राम हो रहा है. इससे चंद्रभान दुखी हैं. उनका कहना है कि देश में सिमटती पार्टी को मजबूती देना बेहद जरूरी है. अगर पार्टी मजबूत होगी तो पद कई आ जाएंगे. आपस में विवाद करने की बजाय पार्टी के नेताओं को साथ बैठकर चर्चा करते हुए विवाद को शांत करने का प्रयास करना चाहिए.


सीएम गहलोत से चंद्रभान की यह मांग
चंद्रभान अन्न ग्रहण नहीं करते हैं. अपने पेट की भूख मिटाने के लिए सुबह-शाम सिर्फ एक गिलास दूध पीते हैं. वे तब ही भोजन ग्रहण करेंगे जब सीएम अशोक गहलोत चकवा गांव आकर गेगीराम बाबा की समाधि पर पूजा अर्चना करें. चंद्रभान की इस जिद से उनके घरवाले भी दुखी हैं. परिवार का कहना है कि जिन नेताओं के लिए अन्न छोड़ा उन्हें ही चिंता नहीं है. चंद्रभान का कहना है वे क्षत्रिय हैं और क्षत्रिय की जुबान का बहुत बड़ा महत्व होता है. गेगीराम बाबा की समाधि पर जो संकल्प लिया है उसे तोड़ सकते. उनका कहना है कि वे तब ही अन्न ग्रहण करेंगे जब सीएम गहलोत खुद चकवा गांव आकर बाबा की समाधि पर पूजा अर्चना करेंगे.


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