Rajasthan News: मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए बाढ़ से हुए नुकसान के सर्वेक्षण के निर्देश, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देगी सरकार
Rajasthan Government: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और जलभराव के कारण कुछ जिलों में हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
CM Ashok Gehlot News: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश (Heavy Rain) और जलभराव के कारण कुछ जिलों में हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए. एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए ये निर्देश दिए. गहलोत ने कहा है कि बाढ़ से हुई जनहानि पर राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने बाढ़ और जलभराव से संपत्तियों और घरों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिये.
कृषि मंत्री ने फसलों के नुकसान की भी आशंका जताई
इसके साथ ही फसल के नुकसान का आकलन कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए. भारी बारिश, नदियों का जल स्तर बढ़ने और बांधों के गेट खोले जाने के कारण इसी सप्ताह राज्य के कोटा संभाग में अनेक जगह बाढ़ के हालात बन गए. अनेक आवासीय इलाके जलमग्न हो गए और बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा. बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में कोटा, झालावाड़ और बूंदी शामिल हैं. वहीं, अधिकारियों ने किसानों से कहा कि वे जलभराव से फसल खराब होने की सूचना 72 घंटे में सम्बद्धित बीमा कंपनी को जरूर दे दें. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Lalchand Kataria) ने एक बयान में कहा कि राज्य में वर्तमान में कुछ स्थानों पर अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों को नुकसान होने की आशंका है.
किसान फसल को हुए नुकसान की सूचना बीमा कंपनी को दें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जलभराव के कारण बीमित फसल का नुकसान होने पर किसानों को व्यक्तिगत आधार पर बीमा आवरण उपलब्ध कराने का प्रावधान है. खरीफ 2022 में जलभराव के कारण बीमित फसल को नुकसान पहुंचने पर 72 घंटों के अंदर जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को सूचना देना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि किसान फसल को हुए नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर अथवा फसल बीमा ऐप के माध्यम से दे सकते हैं. इसके अलावा प्रभावित किसान जिलों में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं.