Rajasthan News: भारत-पाकिस्तान की सरहद पर जैसलमेर जिले में स्थित तनोट माता मंदिर (Tanot Mata Mandir) क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. यहां पर्यटन विस्तार के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) को निःशुल्क भूमि आवंटित की है. अब बीएसएफ की ओर से यहां पर्यटन सुविधाओं में विस्तार के लिए विभिन्न निर्माण कार्य करवाए जाएंगे.


सीएम गहलोत की इस स्वीकृति से पर्यटक मंदिर में दर्शन के साथ ही यहां बनने वाले इंटरप्रिटेशन सेंटर में सेना के अस्त्र-शस्त्र, स्थानीय कला व संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को जान सकेंगे. इसके अलावा चित्र दीर्घा में सेना के शौर्य के साथ देश-विदेश की प्रमुख हस्तियों द्वारा की गई यात्राओं की झलक भी देखने को मिलेगी. यहां पर्यटकों के लिए प्रतीक्षालय, कैफेटेरिया और पार्किंग एरिया भी विकसित किया जाएगा.


बीएसएफ करता है मंदिर की देखरेख
मुख्यमंत्री ने सम तहसील के ग्राम तनोट में राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के तहत 2.19 बीघा भूमि निःशुल्क आवंटन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. वर्तमान में तनोट माता मंदिर की देखभाल बीएसएफ द्वारा की जाती है. बरसों से यह स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. पर्यटन की दृष्टि से इस स्थान पर सुविधाओं का विकास अत्यंत आवश्यक है.


चमत्कारी है तनोट माता मंदिर
बता दें कि तनोट माता मंदिर चमत्कारी माना जाता है. बताया जाता है कि वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान के सैनिकों ने जमकर बमबारी की. पाकिस्तान ने मंदिर को ध्वस्त करने के लिए कई बम गिराए थे लेकिन मातारानी की कृपा से एक भी बम नहीं फटा. उसी वक्त से सीमा सुरक्षा बल के जवानों की आस्था इस मंदिर के प्रति बढ़ गई. आज सेना के जवान इस मंदिर के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए मां को नमन करते हैं.


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