(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: CM Ashok Gehlot ने नेताओं से किया संवाद, बटज पूर्व हुई चर्चा में अफसरों से नाराज दिखे कई नेता
Rajasthan News: सीएम अशोक गहतोल ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बजट से पूर्व खुलकर कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान कई नेताओं ने अलग-अलग शिकायतें कीं. कई लोगों ने अफसरों से नाराजगी दिखाई.
CM Ashok Gehloot Meeting Before Budget: राजस्थान राज्य का आम बजट 23 फरवरी को विधानसभा पेश होने वाला है. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अब फाइनल रूप देने वाले वाले हैं. इससे पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री ने कांग्रेस (Congress) पदाधिकारियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर बजट के सुझाव लिए. बिड़ला संभागार में आयोजित खुले अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने अपनों से संवाद कर बजट को लेकर उनके दिल की बातें सुनीं. इससे पूर्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों, एनजीओ, कर्मचारी संगठनों, खिलाडियों, विद्यार्थियों और व्यापारिक संगठनों से सुझाव ले चुके हैं.
बजट को लेकर हुई विशेष बात-चीत
खुले अधिवेशन में एआईसीसी, पीसीसी मेंबर, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और पार्टी के वर्तमान विधायकों से मुख्यमंत्री ने संवाद किया. बजट में कौन-कौन सी घोषणाओं को शामिल किया जाए और सभी वर्गों को कौनसी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, उसको लेकर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सुझाव दिए. इसके अलावा बीते साल की बजट घोषणाओं में से किन योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है उसके बारे में भी अपने सुझाव पेश किए. पार्टी कार्यकर्ताओं के सुझाव के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट को अंतिम रूप देंगे.
अधिवेशन में नेताओं ने खुलकर कई कमियां गिनाईं. ज्यादातर नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी पर निर्भरता की जगह कार्यकर्ता आधारित सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया है. नेताओं ने कहा कि चुनाव कार्यकर्ता जितवाता है, अफसर नहीं. कार्यकर्ता को मजबूत किए बिना केवल अफसरों के भरोसे काम नहीं चलेगा.
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राजस्थान के सियासी संकट का भी मुद्दा उठा
राजकुमार शर्मा ने सियासी संकट की तरफ इशारा करते हुए कहा- आपके पास तो उदाहरण है, कितने-कितने प्रलोभन थे हमारे विधायकों के पास, लेकिन आपको और कांग्रेस पार्टी को छोड़कर नहीं गए. इतने प्रलोभन किसी को मिल जाए तो पत्नी-पति को और पति-पत्नी को छोड़ दे. हमें यह अधिवेशन दो दिन का रखना चाहिए था. अब विधायकों के साथ खूब सम्मेलन कर लिए, अब कार्यकर्ताओं के सम्मेलन करने चाहिए. इशारों में पायलट की बगावत का जिक्र सीएम के सलाहकार राजकुमार शर्मा ने सचिन पायलट खेमे की बगावत को रिकॉल कर दिया. शर्मा ने उस समय के सियासी संकट का जिक्र कर विधायकों को प्रलोभन देने वाला बयान दिया. कांग्रेस में सब ठीक होने का दावा किया जा रहा है लेकिन सीएम के सलाहकार के बयान ने सियासी चर्चाओं को जरूर हवा दे दी है.
कांग्रेस के अधिवेशन में अशोक गहलोत को चौथी बार सीएम बनाने के समर्थन में नारे लगे. कांग्रेस नेताओं ने चौथी बार गहलोत सरकार के नारे लगाए. अधिवेशन में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आलाकमान को राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बहुत उम्मीदें हैं. मैं अपने राजनीतिक जीवन से पूर्णतया संतुष्ट हूं. फिर से प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाकर आलाकमान को संतुष्ट करना है. सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो कांग्रेस की सरकार रिपीट होने से कोई नहीं रोक सकता.
कांग्रेस ने माना की उनका कार्यकर्ता बीजेपी को जवाब नहीं दे पाता
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अधिवेशन की शुरुआत में नेताओं को विवादित बोलने से बचने की सलाह दी. डोटासरा ने कहा कि नेता अपनी बात रखें, लेकिन कोई ऐसी बात नहीं करें जिससे बीजेपी को बोलने का मौका मिले. बीजेपी नॉन इश्यू को इश्यू बनाने में माहिर हैं, इस बात का ध्यान रखें. डोटासरा ने यह भी माना कि कांग्रेस का कार्यकर्ता, बीजेपी को जवाब नहीं दे पाता. उन्होंने कहा कि हमारा माउथ मीडिया कार्यकर्ता भी कमजोर है. कार्यकर्ताओं को मजबूत और सजग करना जरूरी है.
इस मौके पर रघु शर्मा ने कहा कि विधायकों को खूब दिया, फिर भी हार जाते हैं. यह सिटिंग गेटिंग बन्द कर दीजिए. कोई जरूरी नहीं कि सिटिंग को ही टिकट मिले. पिछली बार आपने मुझे सैकड़ों करोड़ के काम दिए फिर भी हार गया. विधायकों को जो दिया उसका नीचे मैसेज गया कि नहीं यह चेक करना जरूरी है. विधायक जनता से कट ऑफ तो नहीं हो गया. विधायकों के तो खूब काम कर दिए अब कार्यकर्ताओं की भी सुध लेनी चाहिए.
ब्यूरोक्रेसी से नाराज दिखे नेता
अधिवेशन में कई नेताओं ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी हावी है, कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं है. राजकुमार शर्मा के अलावा मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह और रघुवीर मीणा ने भी ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का मुद्दा उठाया. इन नेताओं ने कहा कि नौकरशाह हावी हैं. कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही है. राजकुमार शर्मा ने कहा कि मैंने जिला अध्यक्ष को कार्यकर्ता के साथ कलेक्टर के पास भेजा. कलेक्टर ने कहा अध्यक्षजी आप अपना काम करा लो. मैं मंत्रियों के पास जाता हूं तो मंत्री कहते हैं आप खुद सीएम के सलाहकार हो. यह हालत है.
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि अफसरों को चुनाव के वक्त टिकट नहीं देनी चाहिए. ये लोग जिंदगीभर नौकरी करते हैं और फिर टिकट ले लेते हैं, जबकि पार्टी के लिए काम कार्यकर्ता करता है. मेहनत कार्यकर्ता करें और टिकट अफसरों को मिले तो ग्रासरूट पर वर्कर हताश होता है.
महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर हुई चर्चा
अधिवेशन में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच यृद्ध का प्रकरण भी उठा. दो दिन पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दोनों के बीच की लड़ाई को राजनीतिक और सत्ता का संघर्ष बताने पर विवाद चल रहा है. मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि अकबर के साथ राणा प्रताप की लड़ाई धार्मिक नहीं, स्वाभिमान की लड़ाई थी. स्वाभिमान की इस लड़ाई को बीजेपी आरएसएस वाले धार्मिक रंग देते हैं.