Jaipur News: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्य पशु ऊंट पलको के लिए राहत भरा निर्णय लिया है. सीएम गहलोत ने उष्ट्र संरक्षण योजना को अप्रूवल करते हुए इसके लिए 2.60 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी है. इस योजना के अंतर्गत, पशु चिकित्सक मादा ऊंट और बच्चे को टैग लगाकर पहचान पत्र देंगे. पशु चिकित्सक को प्रत्येक पहचान पत्र बनवाने के लिए पालक को 50 रुपये देने होंगे. जिसके बाद ऊंट पालक को 5,000 रुपये, ऊंट के बच्चे के एक साल पूर्ण होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 5000 रुपये का प्रावधान किया गया है. दोनों किस्तों की राशि ऊंट पालक के बैंक खाते में भेजी जाएगी. इस निर्णय से ऊंट पालकों को आर्थिक संबल के साथ प्रोत्साहन मिल सकेगा.


ऊंटों की संख्या लगातार हो रही कम
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ऊंट संरक्षण और विकास नीति लागू करने के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. राज्य सरकार ऊंटों के संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है. इसी क्रम में सीएम अशोक गहलोत यह स्वीकृति प्रदान की है. दरअसल, राजस्थान का जहाज कहलाने वाले ऊंट की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है. सीएम अशोक गहलोत ने ऊंटों के विकास के लिए बजट में धनराशि का प्रावधान किया था. जिसके बाद से इस योजना पर काम किया जा रहा है. 


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ऊंट है राजस्थान का राज्य पशु
गौरतलब है कि ऊंट राजस्थान का राज्य पशु है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में वर्तमान में करीब दो लाख ऊंट बचे हैं. साल 2019 में हुई पशु गणना में ऊंटों की संख्या 2.52 लाख थी और इससे पहले 2012 में हुई पशुगणना में यह संख्या चार लाख थी. ऊंट रेगिस्तान में कृषि, सामान लाने और ले जाने के लिए काफी उपयोगी पशु है. पर्यटन के क्षेत्र में भी ऊंट की मांग है. कैमल सफारी देशी-विदेशी पर्यटक काफी पसंद करते हैं.