Rajasthan News: राजस्थान में इस बार दीपावली खुशियों भरी सौगात लाई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुशियों के इस पर्व पर कई बड़े एलान किए हैं. तीन दिन पहले बेरोजगार को रोजगार देने की घोषणा के बाद अब गहलोत सरकार ने राज्य कर्मचारियों को बड़ा गिफ्ट दिया है.


प्रदेश के 31 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को सरकार ने परमानेंट कर दिया है. धनतेरस से ठीक एक दिन पहले सरकार ने पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को नियमित करने के आदेश जारी किए. इन्हें शुरुआत में 10,400 रुपये वेतन दिया जाएगा. जिन संविदाकर्मियों को 10,400 से ज्यादा वेतन मिल रहा है, उनका वेतन यथावत रहेगा. 9 साल की नौकरी पूरी करने पर 18,500 और 18 साल की सर्विस पूरी करने पर 32,300 रुप/s सैलरी मिलेगी. सरकार की इस घोषणा से संविदाकर्मियों के चेहरे खिल उठे हैं.


31473 संविदाकर्मियों को मिलेगा लाभ
गहलोत सरकार की इस घोषणा का लाभ प्रदेश के पंचायती राज और शिक्षा विभाग में काम कर रहे 31473 संविदाकर्मियों को मिलेगा. परमानेंट नौकरी पाने वालों में सबसे ज्यादा 23749 पंचायत सहायक हैं. शिक्षा विभाग में 26 वरिष्ठतम शिक्षाकर्मी, 1764 वरिष्ठ शिक्षाकर्मी और 2048 सामान्य शिक्षाकर्मी हैं. पैराटीचर्स की संख्या 3886 है.


अब नए नाम से जाने जाएंगे कर्मचारी
सरकार ने इन पदों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स के दायरे में लिया है. शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक के पदनाम भी बदले हैं. शिक्षाकर्मी को अब शिक्षा सहायक, पैराटीचर्स को पाठशाला सहायक और ग्राम पंचायत सहायक को विद्यालय सहायक कहा जाएगा.


इन पर लागू नहीं होगा नियम
एजेंसी के माध्यम से अथवा जॉब बेसिस पर काम कर रहे संविदा कार्मिकों को नियमित नहीं किया जाएगा. पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स को भी तभी नियमित किया जाएगा जब वे इन पदों के लिए तय शैक्षणिक योग्यता और अनुभव की शर्त पूरी करेंगे. कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में वे ही संविदाकर्मी आएंगे जो निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं.


नए नियमों से होगी 9 व 18 की सेवा गणना
जिन संविदा कर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा तो उन्हें मिलने वाले वेतन में दो वार्षिक इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय किया जाएगा. जिन कर्मचारियों का पहले से मिलने वाला वेतन संरक्षित किया गया है, उनकी 9 व 18 साल की सेवा गणना इन नियमों के अंतर्गत आने की तारीख से की जाएगी. पहले की गई संविदा सेवा 9 व 18 साल की गणना में शामिल नहीं की जाएगी.


गहलोत सरकार ने पूरा किया चुनावी वादा
गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उसी चुनावी वादे को पूरा किया है. संविदाकर्मी पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल से ही नियमित करने की मांग कर रहे थे. गहलोत सरकार ने इस कार्यकाल में कर्मचारियों को परमानेंट कर दिया. इससे पहले वाले कार्यकाल में सीएम गहलोत ने पैराटीचर्स की भर्ती की थी. इसके बाद संविदा आधार पर कई विभागों में भर्तियां होती रहती हैं. अब परमानेंट किए जाने से इन संविदाकर्मियों की नौकरी सुरक्षित हो गई. साथ ही अब इन्हें इंक्रीमेंट भी मिलेगा. अब तक सभी एक फिक्स मानदेय पर काम कर रहे थे.



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