Rajasthan: राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का अनादर कर रहे बीजेपी के कुछ नेता- CM गहलोत
Jaipur News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि क्या हमें वीरांगनाओं के सामने एक ऐसी मुश्किल परिस्थिति खड़ी करनी चाहिए, क्योंकि वर्तमान में बनाए गए नियम पूर्व के अनुभवों के आधार पर ही बनाए गए हैं.
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार रात आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं. उन्होंने वीरांगनाओं की मांगों को लेकर उनके साथ पिछले कुछ दिनों से धरने पर बैठे बीजेपी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का नाम लिये बिना ट्वीट में कहा कि बीजेपी के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं. यह कभी भी राजस्थान की परंपरा नहीं रही है. मैं इसकी निंदा करता हूं.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, "हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम शहीदों एवं उनके परिवारों का सम्मान करें. राजस्थान का हर नागरिक शहीदों के सम्मान का अपना कर्तव्य निभाता है, लेकिन बीजेपी के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं."
'ऐसी मांग उचित नहीं'
गहलोत ने आगे कहा कि शहीद हेमराज मीणा की पत्नी उनकी तीसरी प्रतिमा एक चौराहे पर स्थापित करवाना चाहती हैं, जबकि पूर्व में शहीद की दो मूर्तियां राजकीय महाविद्यालय, सांगोद के प्रांगण और उनके पैतृक गांव विनोद कलां स्थित पार्क में स्थापित की जा चुकी हैं. ऐसी मांग अन्य शहीद परिवारों को दृष्टिगत रखते हुए उचित नहीं है.
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी अपने देवर के लिए अनुकम्पा नियुक्ति मांग रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर आज शहीद लांबा के भाई को नौकरी दे दी जाती है तो आगे सभी वीरांगनाओं के परिजन- रिश्तेदार उनके और उनके बच्चे के हक की नौकरी अन्य परिजन को देने का अनुचित सामाजिक एवं पारिवारिक दबाव डालने लग सकते हैं.
'वीरांगनाओं के लिए होगी मुश्किल खड़ी'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "क्या हमें वीरांगनाओं के सामने एक ऐसी मुश्किल परिस्थिति खड़ी करनी चाहिए, क्योंकि वर्तमान में बनाए गए नियम पूर्व के अनुभवों के आधार पर ही बनाए गए हैं. शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है? जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?"
'बच्चे की नौकरी होगी सुरक्षित'
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रावधान किया है कि अगर शहादत के वक्त वीरांगना गर्भवती है एवं वह नौकरी नहीं करना चाहे तो गर्भस्थ शिशु के लिए नौकरी सुरक्षित रखी जाएगी जिससे उसका भविष्य सुरक्षित हो सके.
ये भी पढ़ें