(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan News: विधानसभा का 7वां सत्र विपक्ष हंगामे के बाद हुआ स्थगित, CM गहलोत ने लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक 19 सितंबर को फिर से शुरू हुई. बीजेपी के विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
Rajasthan Assembly Session: राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक 19 सितंबर को फिर से शुरू हुई. जहां विपक्षी बीजेपी के विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पहले पांच मिनट और बाद में कल यानी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. मुख्य विपक्ष दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सत्र का सत्रावसान किए बगैर दुबारा बैठक बुलाए जाने पर आपत्ति है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सदन में कहा कि सत्रावसान किए बगैर बैठक बुलाए जाने से विधायकों के प्रश्न पूछने के अधिकारों का हनन हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह “विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” है.
RLP विधायकों ने लंपी का मुद्दा उठाया
मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विपक्ष पर पलटवार किया. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायकों ने गोवंश में फैल रहे चर्म रोग लंपी का मुद्दा उठाया. उन्होंने पोस्टर ले रखे थे. शोर-शराबे और हंगाने के बीच सदन की कार्यवाही को पहले पांच मिनट और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले बीजेपी के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के कार्यालय में भी धरना दिया.
'केंद्र लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “मैंने तो लंपी चर्म रोग को लेकर 15 अगस्त को बैठक आयोजित कर विपक्ष के नेताओं को बुलाया, सब से बात की, धर्मगुरुओं से बात की. हमारी प्राथमिकता है कि लंपी रोग से गायों की जान कैसे बचे, लेकिन वैक्सीन भारत सरकार देगी, दवाइयां वो उपलब्ध करवाएगी तो ऐसी स्थिति में हम तो मांग भारत सरकार से कर रहे हैं कि आप राष्ट्रीय आपदा घोषित करो इसको. इस मांग पर विपक्ष के नेता हमारा साथ दें, उसके बजाय ये यहां धरना दे रहे हैं, नाटक कर रहे हैं यहां बैठकर. हमें लंपी रोग की चिंता है, विपक्ष से चाहेंगे वो हमारा सहयोग करे.”
एक विधायक लंपी रोग की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक गाय लेकर विधानसभा परिसर के पास पहुंचे. हालांकि यह गाय परिसर के भीतर नहीं गई. उल्लेखनीय है कि विधानसभा के सातवें सत्र की बैठक आखिरी बार 28 मार्च को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी.