Jaipur: कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के इस्तीफे के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि कानून का राज बना रहना चाहिए, इसलिए विधायक पर प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि सब कुछ सामान्य हो जाएगा. खुद पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद घोघरा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था. इस बारे में एक सवाल के जवाब में गहलोत ने यहां कहा,"कानून का राज रहना चाहिए, इसलिए विधायक सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई."



कानुन करेगा अपना काम
गहलोत ने करौली और जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के दौरान दिए गए अपने बयान का हवाला देते हुए कहा कि कानून अपना काम करेगा चाहे कोई भी हो. हालांकि, उन्होंने विधायक की तारीफ करते हुए कहा कि वह उनके नौजवान साथी हैं, जो जनता के लिए संघर्ष करते रहते हैं और इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए. लेकिन उन्होंने कहा कि अति उत्साह में किसी उपखंड अधिकारी (एसडीएम) को बंद कर दिया गया, तो प्राथमिकी दर्ज हो गई, क्योंकि राजस्थान में कानून का राज है.


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बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने दिया था इस्तीफा
मुख्यमंत्री के अनुसार विधायक घोघरा शायद अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से आहत हो गए, इसलिए इस्तीफा देने की घोषणा कर दी होगी, लेकिन हम समझाइश करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डूंगरपुर में उपखंड अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को बंद करने वाले 'गांधीवादी' नहीं थे. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने बुधवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा. विधायक ने अपने खिलाफ डूंगरपुर जिले में हंगामा करने का मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया.

विधायक ने उपेक्षा किए जाने का लगाया था आरोप
त्यागपत्र में घोघरा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के विधायक और यूथ कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष होने के बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है और स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों द्वारा उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. स्थानीय तहसीलदार की ओर से मंगलवार देर रात डूंगरपुर के सदर थाने में विधायक घोघरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (किसी भी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 143 (गैर कानूनी सभा), 342 (गलत बंधक बनाना), 347 (संपत्ति की जबरन वसूली के लिये गलत बंधक बनाना या अवैध कार्य के लिए विवश करना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये हमला) के तहत मामला दर्ज करवाया गया था.

मामला किया गया था दर्ज
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को स्थानीय लोगों की भीड़ ने पंचायत भवन में उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदार सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को पंचायत भवन में बंद कर दिया था. ग्रामीण पट्टे जारी नहीं होने से नाराज थे. बाद में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा पंचायत भवन पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ धरने पर बैठ गए, जबकि अधिकारी अंदर ही बंद थे. कुछ देर बाद जब जिला कलेक्टर ने हस्तक्षेप कर गतिरोध समाप्त कराया. इसके बाद कल रात तहसीलदार ने स्थानीय थाने में शिकायत की जिसके बाद मामला दर्ज किया गया. सदर थानाधिकारी हजारी लाल मीणा ने बताया कि प्राथमिकी में विधायक घोघरा समेत 11 लोगों खिलाफ नामजद और 56-60 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है.


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