Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत बोले- अपराध रोकना है सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, इस बत पर जताया संतोष
Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि, पुलिस का ये प्रयास होना चाहिए कि हर अपराध की कम से कम समय में गहनता से जांच हो और अपराधी को सजा और पीड़ित को जल्द से जल्द से न्याय मिले.
Rajasthan CM Ashok Gehlot Meeting on law and order: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा है कि राज्य में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और अपराधों की प्रभावी रोकथाम राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सीएम ने पुलिस अधिकारियों को इस दिशा में पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम करने का निर्देश दिया है. गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए गृह विभाग (Home Department) की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस का ये प्रयास होना चाहिए कि हर अपराध (Crime) की कम से कम समय में गहनता से जांच हो और अपराधी को सजा एवं पीड़ित को जल्द से जल्द से न्याय मिले. उन्होंने कहा कि पुलिस (Police) को अपना काम बिना किसी दबाव के निष्पक्षता और सकारात्मक सोच के साथ करना चाहिए.
दिख रहा है सकारात्मक परिणाम
सीएम ने कहा कि राज्य में पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक एवं जनता के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से थानों में स्वागत कक्ष, महिला अपराधों की रोकथाम एवं प्रभावी जांच के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद का सृजन, प्राथमिकी दर्ज किए जाने को अनिवार्य बनाना, जघन्य अपराधों के लिए अलग इकाई का गठन, महिला एवं बाल डेस्क का संचालन, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक और महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए गए हैं और इनका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है.
निवास पर वीसी के माध्यम से गृह विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और अपराधों की प्रभावी रोकथाम राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुलिस अधिकारी इस दिशा में पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 18, 2022
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महिला अपराध को लेकर सीएम ने कही बड़ी बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों की जांच में लगने वाला औसत समय 2018 में 211 दिन था, जो 2021 में घटकर 86 दिन रह गया. उन्होंने कहा कि जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित विशेष जांच इकाइयों के कारण महिला अत्याचार के लंबित मामलों की संख्या 12.5 प्रतिशत से घटकर 9.3 प्रतिशत रह गई है.
महिला अपराधों के प्रति विशेष कदम उठाने का परिणाम है कि राज्य में पॉक्सो एक्ट एवं महिला अत्याचार के प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाला औसत समय काफी कम हो गया है। दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान समय वर्ष 2018 में 211 दिन था जो वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 18, 2022
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इस बात पर जताया संतोष
सीएम गहलोत ने इस बात पर संतोष जताया कि यौन अपराधों पर प्रभावी रोकथाम की दिशा में कार्य करते हुए पुलिस ने 2021 में पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून के 510 प्रकरणों में अपराधियों को सजा दिलवाई, जिनमें से अपराधियों को चार प्रकरणों में मृत्युदंड तथा 35 प्रकरणों में आजीवन कारावास की सजा मिली है.
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