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Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत बोले- लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं तेजाजी महाराज, बाबा रामदेव को लेकर कही ये बात
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाबा रामदेव जयंती और तेजा दशमी पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है.
![Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत बोले- लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं तेजाजी महाराज, बाबा रामदेव को लेकर कही ये बात Rajasthan CM Ashok Gehlot says Tejaji Maharaj is worshiped as folk deity, statement about Baba Ramdev ANN Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत बोले- लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं तेजाजी महाराज, बाबा रामदेव को लेकर कही ये बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/04/7fb36e37daeebd11a8a1a39bd35bb5361662300477408340_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Teja Dashami Special: इतिहास में कई ऐसे वीर महापुरूष हुए हैं जिन्होंने वचन निभाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान तक दे दिया. ऐसे ही वीरों में एक नाम शामिल है तेजाजी महाराज का, जिन्होंने गायों की रक्षा के लिए एक सांप को दिया वचन भी निभाया. अपने प्राण न्यौछावर करने वाले गौ रक्षक तेजाजी आज जन-जन के बीच लोक देवता तेजाजी महाराज के रूप में पूजे जाते हैं.
जाट किसान परिवार में हुआ था जन्म
राजस्थान में नागौर जिले के खरनालियां गांव में तेजाजी का जन्म हुआ था. नागवंशी क्षत्रिय जाट घराने के एक जाट परिवार में जन्मे वीर तेजाजी सामान्य किसान के बेटे थे. तेजाजी के पिता ताहड़ देव और माता रामकंवरी भगवान शिव के उपासक थे. मान्यता है कि माता रामकंवरी को नाग-देवता के आशीर्वाद से पुत्र की प्राप्ति हुई थी. जन्म के वक्त तेजाजी की आभा और चेहरे के तेज को देखते हुए उनका नाम तेजा रखा. माता-पिता ने जन्म के बाद मात्र 9 माह की आयु में ही उनका विवाह 6 माह की पेमल के साथ अजमेर जिले के पुष्कर में करवाया.
ऐसे निभाया सांप को दिया वचन
तेजाजी के मन-वचन में सत्य की भावना छाई हुई थी. समाज सेवा में पर पीड़ा, जीव दया और नारी की रक्षा के लिए तेजाजी ने कभी भी अपने प्राणों की परवाह नहीं की. लाछा गुर्जरी की गायों को बचाने के लिए डाकूओं से लोहा लिया. गायों की रक्षा के लिए जाते वक्त आग में जल रहे सर्प को बचाया तो जोड़े से बिछुड़ जाने के कारण सांप क्रोधित हो गया और तेजाजी को डसने लगा. तेजाजी ने उसे रोककर बताया कि वे गायों को बचाने जा रहे हैं. सांप को वचन दिया कि वापस लौटूंगा तब डस लेना. गौरक्षा युद्ध में तेजाजी घायल हो गए. वचन निभाने के लिए सांप के पास पहुंचे तो पूरे शरीर पर जख्म देखकर सांप ने डसने से मना कर दिया. तेजाजी ने वचन पूरा करने के लिए अपनी जीभ निकालकर कहा कि यहां घाव नहीं है. इस पर सांप ने जीभ पर डसा. वचन निभाते हुए गौ रक्षा के लिए दिए इस मार्मिक बलिदान के बाद तेजाजी को लोकदेवता मानकर पूजा जाने लगा.
तेजाजी को मानते हैं शिव का ग्यारहवां अवतार
वीर तेजाजी को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार माना जाता है. राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों में इन्हें लोक देवता के रूप में पूजा जाता है. वे जिस घोड़ी पर सवार रहते थे उसका नाम लीलण था. उनके साथ में अस्त्र भाला, तलवार और धनुष बाण रहते थे. इनके चबूतरे को तेजाजी का थान और भवन को तेजाजी का मंदिर कहते हैं. इनके लोक गीतों को तेजा गायन कहा जाता है.
तेजा दशमी को होता है मेले का आयोजन
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को तेजा दशमी कहा जाता है. हर साल तेजा दशमी के दिन लोक देवता वीर तेजाजी महाराज का मेला आयोजित होता है. राजस्थान के विभिन्न शहरों और गांवों में तेजाजी के थान और मंदिरों में यह मेला आयोजन होता है. तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल गांव में लाखों लोग मेले में शामिल होते हैं. अजमेर जिले के ब्यावर और सुरसुरा में भी भव्य मेलों का आयोजन होते हैं. लोग गाजे-बाजे के साथ झंडे और नारियल, चूरमे का प्रसाद चढ़ाते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाबा रामदेव जयंती और तेजा दशमी (5 सितंबर) के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेवजी और वीर तेजाजी अपने अलौकिक गुणों के कारण ही पूरे प्रदेश में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं.
रामदेव ने मिटाई सामाजिक बुराइयां
सीएम गहलोत ने कहा कि बाबा रामदेव ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा कर मानवता का संदेश दिया. उन्होंने अत्याचार, वैर-द्वेष, छुआछूत सहित कई सामाजिक बुराईयों को मिटाकर समरसता स्थापित करने और गरीबों तथा जरूरतमंदों की सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. बाबा रामदेवजी का मेला राजस्थान में साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल है.
तेजाजी ने समाज को दिया सेवा का संदेश
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि गौ रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाले वीर तेजाजी ने समाज को निरीह पशु-पक्षियों की रक्षा करने का अमिट संदेश दिया. उन्होंने लोक कल्याण और परोपकार की भावना को कण-कण में संजोने के कार्य किए. तेजा दशमी के अवसर पर सीएम ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे बाबा रामदेवजी और वीर तेजाजी के बताए सौहार्द व जन कल्याण के मार्ग पर चलकर प्रदेश में सामाजिक समरसता बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं. प्रदेश में भाईचारे की भावना को स्थापित करने में योगदान दें.
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