CM Ashok Gehlot: शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट लाए थे. लेकिन जून 2015 में शुरू की गई केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना से दो साल में राजस्थान के कोटा, उदयपुर, अजमेर व जयपुर चार शहरों को ही जोडा गया. इन शहरों में काम भी चल रहा है. सीएम गहलोत ने अपने बजट में राजस्थान के छह शहरों के विकास का खाका खींच दिया.
राज्य सरकार की योजना
गहलोत ने राजस्थान स्मार्ट-सिटी योजना की घोषणा कर दी है. इसमें जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर, भीलवाड़ा और चित्तौडगढ को शामिल कर दिया. यहां 1500 करोड़ रूपए खर्च कर विकास कार्य किए जाएंगे. राजस्थान के 10 बड़े शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है. सरकार का दावा है कि तेजी से काम भी चल रहा है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति लाल धारीवाल ने कहा कि शहरों के विकास के लिए भेदभाव भूलकर विकास कार्यों में जुटना होगा.
बीजेपी ने क्या लगाया आरोप
कोटा के बीजेपी विधायक भवानी सिंह राजावत ने बताया कि स्मार्ट-सिटी का काम चल रहा है. स्मार्ट-सिटी का बजट 5000 करोड़ रूपए का है. शहर को स्मार्ट बनाने वाले कार्यों में बजट का दुरुपयोग किया जा रहा है. जिस जगह फ्लाईओवर की जरूरत नहीं है या फिर अंडरपाथ की जरूरत नहीं है वहां पर भी बनाए जा रहे हैं. रिवर फ्रंट पर दो हजार करोड़ रूपए खर्च कर दिए गए हैं. बीजेपी विधायक ने कहा कि वहां हाथी, घोड़े और ऊंट लगा रहे हैं. शहर के पास के गांव पर भी ध्यान देना जरूरी है. मेगा हाईवे का काम अधूरा पड़ा है. तीन साल से काम अधूरा पड़ा है. अब यह राज जाने वाला है और दूसरा राज आएगा तो हम सुधार करेंगे.
भ्रष्टाचार का लगा आरोप
नागौर सांसद व आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने स्मार्ट सिटी के बारे में बात करते हुए कहा कि आजादी को 70 साल हो गए हैं. लोगों को पानी नहीं पिला पाते हैं. पाइप लाइन लीकेज हो जाती है तो लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. भ्रष्टाचार चरम पर है, हर कोई कमाई करने में जुटा हुआ है. वही मंत्री शांतिलाल धारीवाल का बयान तो आप ने विधानसभा में देखा ही होगा. उन्होंने कहा कि वह किस तरह के विकास कर रहे हैं, सारी योजनाएं कागजों में है सड़क टूट गई और नेता व कर्मचारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं. गहलोत सरकार के सभी मंत्री नेता लूट खसोट में जुटे हुए हैं. प्रदेश में बीजेपी व कांग्रेस दोनों मिलकर लूट रहे हैं. अब विकास के लिए बदलाव की जरूरत है को लेकर हम जल्द बहुत बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं.
क्या हो रहा है काम
उदयपुर: जलापूर्ति, सीवरेज, भूमिगत डक्टिंग का कार्य, आयड रिवरफ्रन्ट का सौन्दर्यीकरण, स्मार्ट रोड, कई जगह पार्किंग कार्य, ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्मार्ट उपकरणों खरीदे और हेरिटेज कंजर्वेशन के कार्य।
कोटा: एमबीएस हॉस्पिटल व जेके लोन में सुविधाएं, आईएल कैंपस पार्क का विकास, जलापूर्ति योजना, कई अंडरपास व फ्लाईओवर निर्माण और कोटा शहर ट्रैफिक लाइट मुक्त और कई जगह पार्किंग बनाई गईं.
जयपुर: यहां गणगौरी हॉस्पिटल का कार्य जल्द शुरू होगा. एस.एम.एस. हॉस्पिटल में 400 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले अत्याधुनिक आईपीडी ब्लॉक में स्मार्ट सिटी द्वारा 125 करोड़ रूपए की भागीदारी की जाएगी. राजस्थान विधानसभा में डिजिटल संग्रहालय का निर्माण होगा. ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्मार्ट उपकरणों का खरीदा जाएगा. महाराजा लाइब्रेरी, मंदिरों एवं विद्यालयों का जीर्णोद्धार एवं मरम्मत कार्य. रामनिवास बाग पार्किंग, हेरिटेज वॉक-वे का कार्य, चौगान स्टेडियम में खेलकूद सुविधाओं का विकास तथा विभिन्न स्थलों पर बहुमंजिला पार्किंग प्रोजेक्ट.
अजमेर: एलिवेटेड रोड का निर्माण, जेएलएन हॉस्पिटल का विकास, सीवरेज नेटवर्क अपग्रेडेशन, जलापूर्ति के कार्य, अम्बेडकर सर्कल से एमडीएस तिराहे तक सड़क चौड़ीकरण, आनासागर पाथ-वे निर्माण कार्य, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सेवन वंडर्स पार्क का निर्माण, गांधी स्मृति उद्यान का विकास, म्यूजिकल फाउण्टेन एवं थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग, ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्मार्ट उपकरणों की खरीदी और पटेल स्टेडियम में उन्नतिकरण का काम.
ये भी पढ़ें-