(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sanjeevani Scam: गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आते? गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत को घेरा
Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि संजीवनी घोटाले के अन्य गिरफ्तार आरोपियों की तरह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का अपराध भी पुलिस जांच में साबित हुआ है.
CM Ashok Gehlot on Gajendra Singh Shekhawat: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Cabinet Minister Gajendra Singh Shekhawat) संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाले (Sanjeevani Scam) के मामले में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. जबकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में अन्य गिरफ्तार किए जा चुके अभियुक्तों के समान धाराओं में ही उनके ऊपर जुर्म प्रमाणित हो चुका है.
'आरोपियों की प्रोपर्टी अभी तक अटैच नहीं'
सीएम गहलोत ने आगे कहा, "गजेंद्र सिंह शेखावत खुद इस बात को अच्छे से जानते हैं कि 1 लाख से अधिक पीड़ितों की जिंदगीभर की जमापूंजी के करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है. इस मामले में प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार SOG के पास ना होकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास हैं. SOG ने पिछले 2 सालों में ईडी को 5 बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रोपर्टी अटैच करने का आग्रह किया है, लेकिन देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक कार्रवाई कर संजीवनी घोटाले के आरोपियों की प्रोपर्टी तक अटैच नहीं की है."
'पैसा दिलाने के लिए आगे आइये'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे लिखा, "आप खुद केंद्रीय मंत्री हैं, अगर आप बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आते? सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक लिक्विडेटर नियुक्त किया है लेकिन वो तब ही पीड़ितों का पैसा लौटा पाएगा जब संजीवनी सोसाइटी की प्रोपर्टी अटैच होकर वहां से पैसे की रिकवरी होगी. केंद्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी."
पिछले दिनों का किया जिक्र
सीएम गहलोत ने कहा, "संजीवनी घोटाला पीड़ित संघ के लोग करीब 6 महीने पहले जयपुर में मुख्यमंत्री निवास और 2 दिन पहले जोधपुर सर्किट हाउस में मेरे से मिले थे. उनकी बातें सुनकर मैं भी भावुक हो गया कि किस प्रकार उन्हें झांसे में लेकर उनकी मेहनत की जमा पूंजी लूटी गई. कई पीड़ितों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए हैं. मेरे पास सभी पीड़ितों की बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें उनका दर्द फूट रहा है. अगर नैतिक साहस है तो गजेन्द्र सिंह को उनकी बातें सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया है. केन्द्रीय मंत्री होने के नाते ED से अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं करवा पाए इसका जवाब जनता को देना होगा. राजस्थान सरकार पीड़ितों को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए लगातार ED से संपर्क साधेगी."
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