Hindi Diwas 2022: अशोक गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे तक, जानें- राजस्थान के नेताओं ने हिंदी भाषा को लेकर क्या कहा
आज हिंदी दिवस पूरे भारत में मनाया जा रहा है. राजस्थान के बड़े नेताओं ने भी इस खास दिन पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है. साथ ही हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने की अपील की है.
Rajasthan's Leaders Wishes On Hindi Diwas 2022: आज 14 सितंबर को पूरा देश हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मना रहा है. इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) समेत प्रदेश के कई नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि ये भाषा लोगों को जोड़ने का काम करती है. हिन्दी भाषा पूरी दुनिया में सबसे पुरानी और प्रभावशाली भाषाओं में से एक है. यह मात्र एक भाषा नहीं बल्कि हमारे साहित्य एवं संस्कृति का एक अभिन्न अंग है. हिन्दी भाषा भावों की अभिव्यक्ति है. देश-विदेश में हिन्दी साहित्य का अपना अलग ही महत्व है. मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग कर इसके गौरव को बढ़ाने में अपना योगदान दें.
हिंदी भाषा देश का गौरव- वसुंधरा राजे
वहीं बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हिंदी दिवस पर भाषा को लेकर कहा कि विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से प्रमुख 'हिन्दी' मां भारत का गौरव है. आइए, मातृभाषा का सम्मान बढ़ाते हुए दुनियाभर में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भागीदारी निभाएं.
हिंदी संस्कारों की पहचान- शेखावत
उनके अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मौके पर कहा कि हिन्दी हमारी संस्कृति, इतिहास व संस्कारों की पहचान होने के साथ राष्ट्र की ऐसी शक्ति है जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखती है. हिंदी के प्रचार एवं प्रसार को समर्पित हिंदीसेवियों को मेरा विनम्र नमन.
ये भाषा नहीं देश की शान है-डोटासरा
वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हिंदी मातृभाषा ही नहीं, देश की शान है. करोड़ों दिलों को जोड़ने की सूत्रधार है. 1949 में संविधान सभा द्वारा आज ही के दिन हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाया गया था.
पायलट बोले ये संस्कृति की पहचान
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि हिंदी हमारी समृद्ध संस्कृति की अनूठी पहचान है और हिंदी दिवस का हर भारतीय के लिए खास महत्त्व है. आइए, हम हिंदी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग कर इसे समृद्ध बनाएं.
राजेंद्र राठौड़ ने कही ये बात
वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक 'हिंदी' देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली मातृभाषा ही नहीं बल्कि राष्ट्र की अस्मिता और गौरव का प्रतीक है. आइए, मातृभाषा 'हिंदी' के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भागीदारी निभाएं.
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